नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कर राजस्व में नरमी, उच्च राजस्व व्ययऔर बाजार ऋण के बीच इस बार लोकलुभावन बजट की गुंजाइश धूमिल नजर आ रही है।
राजस्व की बात करें तो कम कर उछाल आंशिक रूप से उच्च आरबीआई लाभांश और विनिवेश आय की स्वस्थ धारणा से मुकाबला किया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, हम पूंजीगत लाभ कर संरचना और नई व्यक्तिगत कर व्यवस्था में संभावित बदलाव, नई विनिर्माण इकाइयों के लिए रियायती 15 फीसदी कर दर का विस्तार और पीएलआई से संबंधित उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क को देखते हैं।
राजस्व के मोर्चे पर, सकल कर/जीडीपी अनुपात सभी खंडों में वित्त वर्ष 23 में मजबूत कर-उछाल के बाद 10.9 प्रतिशत तक मध्यम रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, हम पूंजीगत लाभ कर ढांचे में संभावित बदलावों पर नजर रखेंगे ताकि विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों की कर दरों की अवधि में एकरूपता आ सके और नई रियायती कर व्यवस्था के आसपास कुछ बदलाव और नई विनिर्माण इकाइयों के लिए रियायती 15 प्रतिशत कॉपोर्रेट कर दर का विस्तार हो सके।
अलग से, उच्च गैर-कर राजस्व का नेतृत्व एफएक्स बिक्री के बीच बंपर आरबीआई लाभांश द्वारा किया जाएगा।
आगामी बजट में मामूली वृद्धि सुधार को बढ़ावा देने और घटते राजकोषीय के बीच नीतिगत उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 केंद्रीय बजट वैश्विक और घरेलू विकास, सख्त वित्तीय स्थितियों और केंद्रीय चुनावों के आसपास नए सिरे से अनिश्चितताओं की पृष्ठभूमि के खिलाफ पेश किया जाएगा।
हालांकि, भले ही अर्थव्यवस्था के कुछ कमजोर वर्गों के लिए अतिरिक्त समर्थन जरूरी है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि संभावित विकास को बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय आवेग को अधिकतम किया जाए।
इसके लिए कुछ चीजों की आवश्यकता होगी: व्यय-से-जीडीपी अनुपात और फ्रंट-लोडेड निवेश-केंद्रित प्रोत्साहन।
इसके लिए सुधारों, बेहतर संसाधन आवंटन, और मौजूदा कार्यात्मक बुनियादी ढांचे के मुद्रीकरण, विनिवेश और रणनीतिक बिक्री के रूप में संभावित वित्तीय वित्त पोषण की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, इनमें से कुछ अप्रत्याशित लाभ सरकार की बड़ी होल्डिंग्स की हिस्सेदारी की बिक्री से दबाव का सामना कर सकते हैं, जो मुख्य रूप से कमोडिटी कंपनियों और उपयोगिता क्षेत्र में केंद्रित हैं।
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी