नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र ने औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेने के लिए संसद में पेश भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023 में संशोधिन किया है, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 12 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया था। संशोधन में “आतंकवादी कृत्य” की परिभाषा का विस्तार करते हुए देश की “आर्थिक सुरक्षा” और “मौद्रिक स्थिरता” के खतरों को इसके दायरे में लाने का प्रस्ताव किया गया है।
शाह ने मंगलवार को दो अन्य अद्यतन आपराधिक कानून विधेयक – भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) संहिता, और भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता भी पेश किए, जो क्रमशः भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह लेंगे।
गृह मंत्री ने सदन को बताया कि विधेयकों पर गुरुवार को बहस होगी।
दूसरे भारतीय न्याय संहिता विधेयक के अनुसार, जो कोई भी भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, या आर्थिक सुरक्षा को धमकी देने के इरादे से या खतरे में पड़ने की संभावना के साथ या लोगों में आतंक फैलाने के इरादे से या लोगों में आतंक पैदा करने की संभावना के साथ कोई कार्य करता है या भारत में या विदेश में लोगों का कोई भी वर्ग बम, डायनामाइट या अन्य विस्फोटक पदार्थ या ज्वलनशील पदार्थ या आग्नेयास्त्र या अन्य घातक हथियार या जहरीली या हानिकारक गैसों या अन्य रसायनों या किसी अन्य पदार्थ (चाहे जैविक, रेडियोधर्मी, परमाणु) का उपयोग करके या अन्यथा) खतरनाक प्रकृति का या किसी भी प्रकृति के किसी भी अन्य माध्यम से, किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की मृत्यु, या चोट, या संपत्ति की हानि, या क्षति, या विनाश का कारण बनने या होने की संभावना; या भारत या किसी दूसरे देश में समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक किसी आपूर्ति या सेवाओं में व्यवधान; या नकली भारतीय कागजी मुद्रा, सिक्के के उत्पादन या तस्करी या संचलन के माध्यम से भारत की मौद्रिक स्थिरता को नुकसान या भारत में या किसी विदेशी देश में किसी भी संपत्ति के किसी भी नुकसान या विनाश का उपयोग किया जाता है या रक्षा के लिए उपयोग करने का इरादा है; भारत या भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या उनकी किसी एजेंसी के किसी अन्य उद्देश्य के संबंध में; या आपराधिक बल के माध्यम से या आपराधिक बल का प्रदर्शन करके आतंकित करना या ऐसा करने का प्रयास करना या किसी सार्वजनिक पदाधिकारी की मृत्यु का कारण बनना या किसी सार्वजनिक पदाधिकारी की मृत्यु का प्रयास करना; या किसी व्यक्ति को हिरासत में लेता है, अपहरण करता है या और ऐसे व्यक्ति को मारने या घायल करने की धमकी देता है या भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या किसी दूसरे देश की सरकार या किसी अंतर्राष्ट्रीय या अंतर-सरकारी संगठन या किसी को मजबूर करने के लिए कोई अन्य कार्य करता है ; उसका यह कृत्य आतंकवाद के दायरे में आयेगा।
बीएनएस दूसरे विधेयक में सरकार ने कहा कि जो कोई भी आतंकवादी कृत्य की साजिश रचता है या करने का प्रयास करता है, या इसकी वकालत करता है, उकसाता है, सलाह देता है या सीधे तौर पर उकसाता है या जानबूझकर आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने में मदद करता है या किसी आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की तैयारी करता है, उसे पाँच साल से आजीवन कारावास तक दिया जा सकता है। साथ ही जुर्माना भी देना होगा।
–आईएएनएस
एकेजे