नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने बुधवार को ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ पारित कर दिया। यह विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं। यह विधेयक दशकों पुरानें टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है।
गौरतलब है कि लोकसभा इस महत्वपूर्ण विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में ‘निरसन और संशोधन विधेयक 2023’ विचार व पारित करने के लिए पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 76 अधिनियमों को निरस्त करने के साथ-साथ एक अधिनियम में संशोधन करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है। बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया यह विधेयक भी जनजीवन एवं व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है। जहां राज्यसभा ने 13 दिसंबर को यह विधेयक पास किया है, वहीं लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी।
गौरतलब है कि दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है। ऐसे में उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं। केंद्रीय कानून मंत्री के मुताबिक ऐसे अप्रचलित कानून को रद्द करने का प्रावधान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि इस सूची में अब 76 और अप्रचलित कानूनों शामिल होने जा रहे हैं। 76 और अप्रचलित कानून रद्द होने ऐसे कानूनों की संख्या 1,562 हो गई है।