नई दिल्ली, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। राज्यसभा में शुक्रवार को भी हंगामा जारी रहा। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
दरअसल विपक्षी सांसद सुरक्षा के विषय पर सदन में चर्चा चाहते थे। विपक्ष के 23 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिए लेकिन चर्चा के लिए दिए गए यह सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। इसके ऊपर सदन में हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दरअसल 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए थे। इन युवकों ने लोकसभा में सांसदों के बीच रंग वाले पटाखों से धुआं फैला दिया। इससे सदन में पीला धुआं हो गया। राज्यसभा में सुरक्षा में गंभीर चूक बता रहे हैं।
शुक्रवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष सुरक्षा में गंभीर चूक का आरोप लगाते हुए गृहमंत्री से जानकारी व जवाब देने की मांग कर रहा है। मांग न माने जाने पर विपक्ष ने नारेबाजी की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में दो लोगों के कूदने को गंभीर मुद्दा बताया है।
उन्होंने कहा, मामला बहुत गंभीर है। यह सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा का सवाल नहीं है, बात यह है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद दो लोग कैसे अंदर आए और सुरक्षा में सेंध लगाई।
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि क्या सुरक्षा में चूक पर विपक्ष की चर्चा की मांग नाजायज है। अगर संसद सुरक्षित नहीं, तो क्या देश सुरक्षित है, यह बड़ा सवाल खड़ा होता है। सदन को भरोसे में लिया जाए और उस पर एक चर्चा हो, यही हमारी मांग है।
उन्होंने कहा कि यह दलगत राजनीति की बात नहीं, सरकार को यह मांग स्वीकार करनी चाहिए। सरकार से जवाब मांगना राजनीति करना नहीं है, अगर सरकार से जवाब नहीं मांगेंगे तो किस से मांगेंगे।
इस बीच राज्यसभा में बन रहे इस गतिरोध को खत्म करने के लिए सभापति जगदीप धनखड़ ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता सदन पीयूष गोयल समेत राज्यसभा में सभी फ्लोर लीडर्स को चर्चा के लिए अपने चेंबर में आमंत्रित किया है।
–आईएएनएस
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