बेलगावी (कर्टक), 23 जनवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि महादयी नदी के पानी को मोड़ने का विरोध करने के संकल्प का कोई मूल्य नहीं है।
गोवा सरकार ने पिछले सप्ताह सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें महादेई बेसिन से पानी के डायवर्जन का विरोध किया गया।
गोवा सरकार के फैसले का राज्य की प्रस्तावित कलासा-बंडूरी परियोजना पर सीधा प्रभाव पड़ेगा जो उत्तर कर्नाटक के प्रमुख जिलों को पीने का पानी उपलब्ध कराएगी।
बोम्मई ने कहा कि इस मुद्दे को देखने के लिए गठित ट्रिब्यूनल ने एक आदेश दिया है और एक अधिसूचना भी जारी की है। ट्रिब्यूनल का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बराबर है।
उन्होंने आगे बताया, ट्रिब्यूनल के आदेश के आधार पर हमने कानूनी तौर पर काम शुरू कर दिया है। गोवा विधानसभा के फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा। कलसा-बंदूरी परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी गई है। फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलते ही टेंडर बुलाए जाएंगे।
बोम्मई ने घोषणा की है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 28 जनवरी को हुबली और बेलगावी पहुंचेंगे। शाह एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे और एक महत्वपूर्ण राजनीतिक दल के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक की झांकी में भाग लेने पर, बोम्मई ने कहा कि जब कर्नाटक के मुद्दों की बात आती है तो सभी को तुच्छ भावनाओं को अलग रखना चाहिए और एकजुट होना चाहिए।
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक की झांकी पिछले 14 वर्षों से गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेती रही है। अन्य राज्यों को मौका देने के लिए पुरस्कार विजेता झांकी के बारे में बात हुई।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से बात करने के बाद इसकी इजाजत दे दी गई। उन्होंने कहा कि 8-10 दिनों के भीतर नारी शक्ति की थीम पर झांकी तैयार की गई और यह बहुत अच्छी रही।
–आईएएनएस
एचएमए/एएनएम