तिरुवनंतपुरम, 24 जनवरी (आईएएनएस)। केरल की मंत्री जे. चिंचू रानी ने सोमवार को लोकप्रिय तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर का निरीक्षण किया, जहां पिछले नौ महीनों में सभी 53 चित्तीदार हिरण और काले हिरण मर गए थे।
उन्होंने कहा कि सभी चिड़ियाघर कर्मचारियों के लिए एक स्वास्थ्य शिविर और चिकित्सा जांच आयोजित की जाएगी और उन सभी को अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी सामान प्रदान किया गया है।
पशु शवों के नमूने जांच के लिए स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल डिजीज, पालोड और कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज, मन्नुथी भेजे जा रहे थे और रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम बोविस के कारण होने वाली तपेदिक है।
अगर इस घटना को राज्य सरकार और चिड़ियाघर के अधिकारियों दोनों द्वारा छुपाकर रखा गया जो चिंता का विषय है, क्योंकि ये जूनोटिक रोग इंसानों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार टीबी होने पर पशुओं का कोई इलाज नहीं होता है और उन्हें मारना ही एकमात्र विकल्प होता है।
पिछले हफ्ते से राज्य स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और पुलिस खुफिया विंग ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए चिड़ियाघर का दौरा किया, लेकिन जो लोग इस बारे में जानते हैं, उन्होंने कहा कि कोई बड़ी चिंता की जरूरत नहीं है। चूंकि चीजें नियंत्रण में हैं।
–आईएएनएस
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