मुंबई, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। शो ‘चांद जलने लगा’ के अभिनेता सोराब बेदी ने अपने शुरुआती दिनों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि पहली तनख्वाह पाने से लेकर टेलीविजन अभिनेता बनने तक उनका जीवन कैसे बदल गया।
सोराब ने खुलासा किया, “2017 में जब मैंने एक सरकारी कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की, तो मैं अपने लिए कुछ करना चाहता था और चूंकि मैं गुड़गांव से हूं, इसलिए मैंने एक कॉल सेंटर (बीपीओ) में काम करना शुरू कर दिया, जहां मुझे मासिक वेतन के रूप में 7,000 मिलतेे थे। मुझे अभी भी याद है जब मुझे मेरी पहली तनख्वाह मिली थी तो मैं बहुत रोया था क्योंकि उस समय यह मेरे लिए बहुत बड़ी रकम थी और मैंने कभी भी अपने खाते में इतनी रकम एक साथ नहीं देखी थी।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं नौकरी से संतुष्ट नहीं था और मैं अभिनय और मॉडलिंग करना चाहता था। मैं दिल्ली आ गया और मॉडलिंग शुरू कर दी, और इससे मुझे मॉडलिंग के क्षेत्र में प्रसिद्धि और पैसा मिला, जहां मुझसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों ने भी संपर्क किया और मैंने वहां कई ब्रांड विज्ञापन भी किए।
उन्होंने आगे कहा, “मैं मुंबई आ गया और यहां भी मॉडलिंग शुरू कर दी और मेरे भाई राम ने मुझे अभिनय में आने के लिए कहा और यहीं से मैंने अभिनय में अपनी किस्मत आजमाई और बहुत संघर्ष किया। दिन-रात ऑडिशन के बाद मैंने सफलता हासिल की। टीवी धारावाहिक ‘चांद जलने लगा’ में मुझे मौका मिला, जो वर्तमान में प्रसारित हो रहा है। मैं इस लंबी यात्रा के लिए आभारी हूं।”
आगे कहा कि एक महीने में 7 हजार से लेकर अब उससे कई गुना ज्यादा कमाई हो रही है।
सोराब ने कहा, ”मैंने अपने जीवन में जो भी कड़ी मेहनत की है, उसके लिए मैं धन्य और आभारी महसूस करता हूं।”
सोराब यह भी स्वीकार करते हैं कि शुरुआती दिनों में उनके संघर्षों ने उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अभिनेता ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि कभी भी अपने आप को और अपने सपनों को न छोड़ें। खुद पर विश्वास करना कुछ महान हासिल करने की दिशा में पहला कदम है।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एसकेपी
मुंबई, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। शो ‘चांद जलने लगा’ के अभिनेता सोराब बेदी ने अपने शुरुआती दिनों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि पहली तनख्वाह पाने से लेकर टेलीविजन अभिनेता बनने तक उनका जीवन कैसे बदल गया।
सोराब ने खुलासा किया, “2017 में जब मैंने एक सरकारी कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की, तो मैं अपने लिए कुछ करना चाहता था और चूंकि मैं गुड़गांव से हूं, इसलिए मैंने एक कॉल सेंटर (बीपीओ) में काम करना शुरू कर दिया, जहां मुझे मासिक वेतन के रूप में 7,000 मिलतेे थे। मुझे अभी भी याद है जब मुझे मेरी पहली तनख्वाह मिली थी तो मैं बहुत रोया था क्योंकि उस समय यह मेरे लिए बहुत बड़ी रकम थी और मैंने कभी भी अपने खाते में इतनी रकम एक साथ नहीं देखी थी।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं नौकरी से संतुष्ट नहीं था और मैं अभिनय और मॉडलिंग करना चाहता था। मैं दिल्ली आ गया और मॉडलिंग शुरू कर दी, और इससे मुझे मॉडलिंग के क्षेत्र में प्रसिद्धि और पैसा मिला, जहां मुझसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों ने भी संपर्क किया और मैंने वहां कई ब्रांड विज्ञापन भी किए।
उन्होंने आगे कहा, “मैं मुंबई आ गया और यहां भी मॉडलिंग शुरू कर दी और मेरे भाई राम ने मुझे अभिनय में आने के लिए कहा और यहीं से मैंने अभिनय में अपनी किस्मत आजमाई और बहुत संघर्ष किया। दिन-रात ऑडिशन के बाद मैंने सफलता हासिल की। टीवी धारावाहिक ‘चांद जलने लगा’ में मुझे मौका मिला, जो वर्तमान में प्रसारित हो रहा है। मैं इस लंबी यात्रा के लिए आभारी हूं।”
आगे कहा कि एक महीने में 7 हजार से लेकर अब उससे कई गुना ज्यादा कमाई हो रही है।
सोराब ने कहा, ”मैंने अपने जीवन में जो भी कड़ी मेहनत की है, उसके लिए मैं धन्य और आभारी महसूस करता हूं।”
सोराब यह भी स्वीकार करते हैं कि शुरुआती दिनों में उनके संघर्षों ने उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अभिनेता ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि कभी भी अपने आप को और अपने सपनों को न छोड़ें। खुद पर विश्वास करना कुछ महान हासिल करने की दिशा में पहला कदम है।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एसकेपी