मुंबई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए नए टाइटल प्रायोजक की तलाश में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने संभावित बोलीदाताओं के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है।
भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए बीसीसीआई ने चीनी कंपनियों या ब्रांड की बोलियों पर विचार करने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई है। हालांकि विशेष देशों या ब्रांडों का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, “बीसीसीआई ने यह निर्णय लोगों के रिएक्शन और चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के साथ अच्छे संबंध नहीं होने के बाद लिया है। यह स्थिति भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध के बाद पैदा हुई। इसके बाद वीवो ने पांच साल के स्पॉन्सरशिप समझौते को खत्म किया, जिसके बाद आईपीएल 2023 के लिए टाटा ग्रुप ने यह जिम्मेदारी संभाली।”
निविदा आमंत्रण (आईटीटी) में एक महत्वपूर्ण खंड में लिखा है, “प्रत्येक बोलीदाता जो एक कॉर्पोरेट इकाई है। उन्हें ऐसे अधिकार क्षेत्र में शामिल नहीं किया जाना चाहिए जिसके साथ भारत के अच्छे या मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं है। कोई भी कॉर्पोरेट जो एक बोलीदाता है और एक ऐसे क्षेत्राधिकार/क्षेत्र में शामिल है जिसके साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं हैं, तो बोलीदाता शेयरधारक या प्रस्तावित शेयरधारक है, को कंपनी की पूरी जानकारी देना आवश्यक होगा।
बीसीसीआई ने फैंटेसी गेम, स्पोर्ट्सवियर, क्रिप्टोकरेंसी, सट्टेबाजी, जुआ और शराब उत्पादों से जुड़ी कंपनियों को शामिल करने के लिए अयोग्य बोलीदाताओं की अपनी सूची का विस्तार किया है। विशेष रूप से परफॉर्मेंस वियर और स्पोर्ट्सवियर में शामिल फर्मों को भी भाग लेने से रोक दिया गया है।
प्रायोजन निविदा के लिए प्रारंभिक प्रतिक्रिया ज्यादा अच्छी नहीं होने के बावजूद बीसीसीआई को आईपीएल के वैश्विक कद को देखते हुए प्रतिष्ठित बोलीदाताओं को आकर्षित करने की उम्मीद है।
साल 2028 तक बढ़ाया जाने वाला पांच साल का प्रायोजन समझौता 13-14 जनवरी के आसपास बोली प्रक्रिया से गुजरने की उम्मीद है,जिसके लिए निविदा आमंत्रण 8 जनवरी तक खरीद के लिए उपलब्ध होंगे।
–आईएएनएस
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