काहिरा, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) और ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन (ओपीजी) के स्वेज नहर के आसपास सुरक्षा बढ़ाने के बाद डेनमार्क स्थित मेर्स्क और स्विट्जरलैंड स्थित एमएससी मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी समेत ग्लोबल शिपिंग कंपनियां लाल सागर और अदन की खाड़ी में परिचालन फिर से शुरू करने पर विचार कर रही हैं।
पेंटागन के सेंट्रल कमांड ने बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “क्षेत्र में जहाजों को कोई नुकसान नहीं हुआ या किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। 10 घंटों के दौरान तीन जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइल और दो मिसाइल हमले भी हुए।”
27 दिसंबर को अमेरिकी सैन्य बलों ने घोषणा की कि उन्होंने लाल सागर में यमन स्थित हूती विद्रोहियों द्वारा लॉन्च की गई 12 से अधिक ड्रोन मिसाइलों को मार गिराया है। जबकि, मेर्स्क ने 25 दिसंबर को कहा था कि वह लाल सागर में शिपिंग परिचालन फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
ओपीजी, मुख्य रूप से पश्चिमी देशों का एक अमेरिकी नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन है, जिसका गठन कुछ दिन पहले लाल सागर में नौवहन पर ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों के हमलों का जवाब देने के लिए किया गया था।
सीएमए सीजीएम और हापाग-लॉयड जैसी अन्य प्रमुख शिपिंग लाइनों ने अभी भी सेवाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा नहीं की है। हालांकि, उद्योग विशेषज्ञों को उम्मीद है कि ओपीजी की तैनाती के साथ, ग्लोबल शिपिंग प्रमुखों की सेवाएं जल्द ही फिर से शुरू होने की संभावना है।
इसी तरह, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लाल सागर में यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस और ओपीजी की तैनाती के बाद, शिपिंग लाइनें जल्द ही स्वेज नहर के माध्यम से परिचालन बहाल करने की संभावना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत क्षेत्र में चल रहे घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और समुद्री डकैती जैसी चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय पहल में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहा है।
पिछले महीने में विद्रोहियों ने करीब 20 जहाजों पर 100 से अधिक हमले किए हैं। विद्रोहियों ने एक जापानी-संचालित जहाज का भी अपहरण कर लिया है, जिसे उन्होंने यमन के तट से दूर रखा हुआ है।
–आईएएनएस
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