नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। साहित्य और संस्कृति के विस्तार के लिए प्रयासरत देश की प्रतिष्ठित संस्था ‘कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल’ ने अपने बहुप्रतीक्षित ‘वार्षिक केएलएफ पुस्तक पुरस्कारों’ के लिए हिंदी किताबों की सूची की घोषणा कर दी है। सूची में हिंदी साहित्य की विभिन्न शैलियों एवं विधाओं के साहित्यिक कार्यों को शामिल किया गया है।
कथा, कथेतर, कविता और अनुवाद कार्यों की इस लंबी सूची में समकालीन साहित्य की सर्वश्रेष्ठ कृतियों का चुनाव किया गया है। 15 जनवरी को शॉर्टलिस्ट की घोषणा और भुवनेश्वर में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन यानी 11 फरवरी को विजेता के नाम की घोषणा और उनका सम्मान किया जाएगा।
कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल के 10वें संस्करण में और वार्षिक केएलएफ पुस्तक पुरस्कारों के तीसरे संस्करण में जारी किताबों की सूची में पंकज चतुवेर्दी की ‘आंसू और रौशनी: (आलोकधन्वा से संवाद)’, पीयूष मिश्रा की ‘तुम्हारी औकात क्या है’, विहाग वैभव की ‘मोर्चे पर विदागीत’, प्रभात मिलिंद द्वारा अनुवादित ‘सर्वोच्च लक्ष्य’ एवं किरण नारायण मोघे द्वारा अनुवादित ‘मोदी : चुनौती 2024 की – भारतीय राजनीति की अग्निपरीक्षा’ जैसे उल्लेखनीय कार्य शामिल हैं। ये चयन केएलएफ पुस्तक पुरस्कारों के मानदंडों और समृद्ध विरासत की एक सुंदर झलक है।
साहित्यिक स्वीकृतियों के साथ-साथ पाठकों को किताबों से जोड़ने, पुरस्कार द्वारा लेखकों को प्रेरित करने और साहित्य को एक नया आयाम देने की कल्पना, कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल के उद्देश्य में शामिल है। आयोजन और पुरस्कार की घोषणा को लेकर कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल के संस्थापक और निदेशक श्रीरश्मी रंजन परिदा ने कहा, “साहित्य हमारी सामाजिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के साथ-साथ हमारे सपनों को रौशन करने वाले दीपक के रूप में कार्य करता है।”
केएलएफ साहित्यिक कार्यों को पहचानने के लिए समर्पित भाव से न सिर्फ काम करता है बल्कि प्रचलित दृष्टिकोणों से परे, साझा अनुभवों के आधार पर अपनी एक स्वतंत्र विचार का भी निर्माण करता है। मालूम हो कि 9 से 11 फरवरी, 2024 तक मंदिरों के शहर भुवनेश्वर में “प्राचीन भारत और बाद के श्रेष्ठ : 21वीं शताब्दी में प्रेरणादायक जीवन अनुभव” विषय पर तीन दिवसीय साहित्यिक आयोजन होगा।
कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल (केएलएफ) के 10वें संस्करण में भी कला से कविता तक और राजनीति से खेल तक कई विधाओं पर बातचीत का समावेश होगा। केंद्रीय थीम को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें साहित्य, संगीत, कला और खेल समेत कई विधाओं के 400 से अधिक सम्मानित वक्ताओं की उपस्थिति रहेगी। हमारी साझा विरासत के सम्मान और उसके संवर्धन के उद्देश्य से आयोजित यह उत्सव पूर्वजों के ज्ञान से प्रेरणा की लौ को फिर से जगाने और आज की दुनिया में इसकी गहन प्रासंगिकता को प्रदर्शित करता है।
पिछले कुछ वर्षों में, केएलएफ भारत के साहित्यिक-सांस्कृतिक कैलेंडर में एक प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम के रूप में उभरा है, जिसका ध्यान साहित्य के साथ जुड़ाव को पुन: प्रतिष्ठित करने, इस राह में आने वाली बाधाओं को पार करने और पढ़ने-लिखने की संस्कृति को विस्तार देने पर है। इस वैश्विक उद्देश्य के साथ एक लोकतांत्रिक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करता है और अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य के बीच अंतर को पाटता है, जो अपने साहित्य से बेहद समृद्ध हैं।
केएलएफ द्वारा 2021 में स्थापित केएलएफ पुस्तक पुरस्कार, स्थापित और नए लेखकों दोनों के लिए विभिन्न शैलियों में साहित्यिक प्रतिभाओं को पहचानने और प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य भविष्य के साहित्यिक हस्ताक्षरों को अवसर और मंच प्रदान करना है। भुवनेश्वर में केएलएफ वार्षिक कार्यक्रम के दौरान, केएलएफ पुस्तक पुरस्कार एक स्वतंत्र पुरस्कार जूरी की चयन प्रक्रियाओं के आधार पर प्रदान किए जाएंगे।
कलिंगा साहित्यिक महोत्सव भारत की जीवंत भावना और इसकी समृद्ध साहित्यिक विरासत का जश्न मनाता है। यह उत्सव ऐसे संवादों को बढ़ावा देता है, जो जीवन के हर क्षेत्र के लोगों को प्रेरित करते हैं। वर्ष 2013 से, यह विचारों के मुक्त आदान-प्रदान का एक स्थापित मंच बन गया है, जो साहित्य और कला क्षेत्र के हजारों प्रतिष्ठित व्यक्तित्व की उपस्थिति का गवाह रहा है।
–आईएएनएस
एबीएम
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। साहित्य और संस्कृति के विस्तार के लिए प्रयासरत देश की प्रतिष्ठित संस्था ‘कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल’ ने अपने बहुप्रतीक्षित ‘वार्षिक केएलएफ पुस्तक पुरस्कारों’ के लिए हिंदी किताबों की सूची की घोषणा कर दी है। सूची में हिंदी साहित्य की विभिन्न शैलियों एवं विधाओं के साहित्यिक कार्यों को शामिल किया गया है।
कथा, कथेतर, कविता और अनुवाद कार्यों की इस लंबी सूची में समकालीन साहित्य की सर्वश्रेष्ठ कृतियों का चुनाव किया गया है। 15 जनवरी को शॉर्टलिस्ट की घोषणा और भुवनेश्वर में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन यानी 11 फरवरी को विजेता के नाम की घोषणा और उनका सम्मान किया जाएगा।
कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल के 10वें संस्करण में और वार्षिक केएलएफ पुस्तक पुरस्कारों के तीसरे संस्करण में जारी किताबों की सूची में पंकज चतुवेर्दी की ‘आंसू और रौशनी: (आलोकधन्वा से संवाद)’, पीयूष मिश्रा की ‘तुम्हारी औकात क्या है’, विहाग वैभव की ‘मोर्चे पर विदागीत’, प्रभात मिलिंद द्वारा अनुवादित ‘सर्वोच्च लक्ष्य’ एवं किरण नारायण मोघे द्वारा अनुवादित ‘मोदी : चुनौती 2024 की – भारतीय राजनीति की अग्निपरीक्षा’ जैसे उल्लेखनीय कार्य शामिल हैं। ये चयन केएलएफ पुस्तक पुरस्कारों के मानदंडों और समृद्ध विरासत की एक सुंदर झलक है।
साहित्यिक स्वीकृतियों के साथ-साथ पाठकों को किताबों से जोड़ने, पुरस्कार द्वारा लेखकों को प्रेरित करने और साहित्य को एक नया आयाम देने की कल्पना, कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल के उद्देश्य में शामिल है। आयोजन और पुरस्कार की घोषणा को लेकर कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल के संस्थापक और निदेशक श्रीरश्मी रंजन परिदा ने कहा, “साहित्य हमारी सामाजिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के साथ-साथ हमारे सपनों को रौशन करने वाले दीपक के रूप में कार्य करता है।”
केएलएफ साहित्यिक कार्यों को पहचानने के लिए समर्पित भाव से न सिर्फ काम करता है बल्कि प्रचलित दृष्टिकोणों से परे, साझा अनुभवों के आधार पर अपनी एक स्वतंत्र विचार का भी निर्माण करता है। मालूम हो कि 9 से 11 फरवरी, 2024 तक मंदिरों के शहर भुवनेश्वर में “प्राचीन भारत और बाद के श्रेष्ठ : 21वीं शताब्दी में प्रेरणादायक जीवन अनुभव” विषय पर तीन दिवसीय साहित्यिक आयोजन होगा।
कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल (केएलएफ) के 10वें संस्करण में भी कला से कविता तक और राजनीति से खेल तक कई विधाओं पर बातचीत का समावेश होगा। केंद्रीय थीम को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें साहित्य, संगीत, कला और खेल समेत कई विधाओं के 400 से अधिक सम्मानित वक्ताओं की उपस्थिति रहेगी। हमारी साझा विरासत के सम्मान और उसके संवर्धन के उद्देश्य से आयोजित यह उत्सव पूर्वजों के ज्ञान से प्रेरणा की लौ को फिर से जगाने और आज की दुनिया में इसकी गहन प्रासंगिकता को प्रदर्शित करता है।
पिछले कुछ वर्षों में, केएलएफ भारत के साहित्यिक-सांस्कृतिक कैलेंडर में एक प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम के रूप में उभरा है, जिसका ध्यान साहित्य के साथ जुड़ाव को पुन: प्रतिष्ठित करने, इस राह में आने वाली बाधाओं को पार करने और पढ़ने-लिखने की संस्कृति को विस्तार देने पर है। इस वैश्विक उद्देश्य के साथ एक लोकतांत्रिक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करता है और अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य के बीच अंतर को पाटता है, जो अपने साहित्य से बेहद समृद्ध हैं।
केएलएफ द्वारा 2021 में स्थापित केएलएफ पुस्तक पुरस्कार, स्थापित और नए लेखकों दोनों के लिए विभिन्न शैलियों में साहित्यिक प्रतिभाओं को पहचानने और प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य भविष्य के साहित्यिक हस्ताक्षरों को अवसर और मंच प्रदान करना है। भुवनेश्वर में केएलएफ वार्षिक कार्यक्रम के दौरान, केएलएफ पुस्तक पुरस्कार एक स्वतंत्र पुरस्कार जूरी की चयन प्रक्रियाओं के आधार पर प्रदान किए जाएंगे।
कलिंगा साहित्यिक महोत्सव भारत की जीवंत भावना और इसकी समृद्ध साहित्यिक विरासत का जश्न मनाता है। यह उत्सव ऐसे संवादों को बढ़ावा देता है, जो जीवन के हर क्षेत्र के लोगों को प्रेरित करते हैं। वर्ष 2013 से, यह विचारों के मुक्त आदान-प्रदान का एक स्थापित मंच बन गया है, जो साहित्य और कला क्षेत्र के हजारों प्रतिष्ठित व्यक्तित्व की उपस्थिति का गवाह रहा है।
–आईएएनएस
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