रायपुर, 2 जनवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी गारंटी को पूरा करने का अभियान चलाया है। एक गारंटी किसानों को दो साल के बकाया बोनस के भुगतान की भी है, मगर इस राशि के भुगतान की एवज में कमीशन मांगे जाने की शिकायतें भी आ रही है। इस पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।
एक सहकारी बैंक प्रबंधक को निलंबित भी कर दिया गया है। राज्य में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर सरकार ने धान किसानों के दो साल के बकाया बोनस की राशि का भुगतान किया था। भुगतान में कई तरह की गड़बड़ी की सरकार तक शिकायतें आई है।
बिलासपुर जिले के करगी रोड सहकारी बैंक के प्रबंधक द्वारा धान बोनस की राशि आहरण में किसानों से कमीशन मांगे जाने की शिकायत की प्रारंभिक जांच सही पाये जाने पर वहां के प्रभारी शाखा प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि प्रभारी शाखा प्रबंधक हरीश कुमार वर्मा के विरुद्ध किसानों ने कमीशन मांगे जाने एवं नहीं दिये जाने पर अभद्र व्यवहार करने की शिकायत की थी। इस शिकायत की जांच पर प्रथम दृष्टया शिकायत सही पाये जाने के फलस्वरूप प्रभारी प्रबंधक के निलंबन की कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के किसानों को 25 दिसम्बर को प्रदान की गई धान बोनस की राशि के आहरण में सहकारी बैंकों के प्रबंधकों द्वारा टाल-मटोल किए जाने की शिकायत मिलने पर गहरी नाराजगी जताई है।
मुख्यमंत्री ने अपेक्स बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी सहकारी बैंकों के प्रबंधकों को किसानों की मांग के आधार पर उनके खाते से तत्परता से राशि का आहरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिया है।
साय ने कहा है कि किसानों को अपने बैंक खाते से राशि निकालने में किसी भी तरह की दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सीएम के निर्देश के बाद कलेक्टरों द्वारा जिले में इस व्यवस्था पर निगरानी सुनिश्चित कराने के साथ ही हीला-हवाला करने वाले बैंकर्स के विरूद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
–आईएएनएस
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