हैदराबाद, 2 जनवरी (आईएएनएस)। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को भाजपा से पूछा कि वह पूजा स्थल कानून को लेकर चुप क्यों है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पूछा, “यह अभी भी देश का कानून है। क्या बीजेपी अदालत में इसकी संवैधानिकता का बचाव करेगी या नहीं?”
पूजा स्थल अधिनियम 1991 का मकसद किसी भी पूजा स्थल के रूपांतरण पर रोक लगाना और उसे बनाये रखने का प्रावधान करना है जैसा कि वह 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में था।
हैदराबाद के सांसद ने अमित मालवीय की उस पोस्ट के जवाब में सवाल उठाया, जिसमें ओवैसी पर राम मंदिर के अभिषेक को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया गया था।
मालवीय ने लिखा, “असदुद्दीन औवेसी वही कर रहे हैं जो वह सबसे अच्छा कर सकते हैं, राम मंदिर के अभिषेक को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। 2020 में, हैदराबाद में दो मस्जिदों, मस्जिद-ए-मोहम्मदी और मस्जिद-ए-हाशमी को सचिवालय का निर्माण करने के लिए ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन ओवैसी ने एक शब्द भी नहीं कहा।”
इस पर ओवैसी ने जवाब देते हुए कहा कि तोड़ी गई मस्जिदों का दोबारा निर्माण कराया गया। “मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया गया था लेकिन उनका पुनर्निर्माण किया गया। आज उनमें नमाज अदा की जाती है। एआईएमआईएम समेत सभी ने तोड़फोड़ का विरोध किया था।”
ओवैसी ने कहा, “यह बाबरी मस्जिद जैसा का मामला नहीं है, जिसे पहली बार दिसंबर 1949 में अपवित्र किया गया था, 1986 में एक पूर्ण मंदिर में बदल दिया गया और दिसंबर 1992 में ध्वस्त कर दिया गया। क्या आप काशी और मथुरा के साथ भी यही नहीं करना चाहते हैं? हां, सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। कोर्ट सर्वोच्च है।”
–आईएएनएस
एसकेपी