ग्रेटर नोएडा, 14 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में जिस तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, उसी तेजी से लोगों के साथ धोखाधड़ी और फ्रॉड भी हो रहा है। एक तरफ जेवर एयरपोर्ट के लिए काम तेजी से हो रहा है, आसपास के कई जिलों में लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलने वाला है, वहीं दूसरी तरफ जेवर एयरपोर्ट और उसके आसपास लोगों को जमीन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की जा रही है।
भू माफिया अवैध तरीके से प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा कर उस पर कालोनियां बसा रहे हैं और अनाधिकृत और अवैध कार्य कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है जमीन का रेट लगातार बढ़ते जाना। इसे देखते हुए ठगी करने वाले भी काफी एक्टिव हैं और लोगों को जमीन दिलाने के नाम पर आसानी से करोड़ों की ठगी कर रहे हैं।
प्राधिकरण कई बार इस बात का नोटिस और विज्ञापन निकाल चुका है कि किसी भी कॉलोनाइजर और भू माफिया के चक्कर में न फंसें, लेकिन फिर भी लोग कहीं ना कहीं इन पर भरोसा कर ही लेते हैं।
ताजा मामले के मुताबिक, जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन बेचने के नाम पर 24 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में सेक्टर-63 पुलिस ने शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी की। गिरफ्त में आए आरोपी की पहचान रबुपुरा निवासी 32 वर्षीय आकिल के रूप में हुई है। इस मामले में 15 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
आरोपियों ने जमीन के फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की। थाना प्रभारी ने बताया कि नोएडा और गाजियाबाद के चार लोगों के साथ आरोपियों ने 24 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी। पीड़ित ने इस मामले में 16 लोगों को नामजद करते हुए सेक्टर-63 में केस दर्ज कराया था।
शिकायत में गौरव शर्मा नामक शख्स ने बताया कि वह गोपेश रोहतगी, यतीश अग्रवाल और शिल्पी अग्रवाल के साथ व्यवसाय करता है। 2022 के शुरुआत में चारों की मुलाकात सचिन भाटी और रविंद्र शर्मा से हुई। दोनों ने खुद को जेवर के बड़े जमीदारों और राजनीतिक परिवारों का सदस्य होने का दावा किया। दोनों ने चारों लोगों को अन्य लोगों से मिलाया और बताया कि उनके पास जेवर में निर्माणाधीन हवाई अड्डे के पास बड़े क्षेत्रफल में कृषि भूमि है।
आरोपियों ने कहा कि वह 100 से 200 बीघा कृषि भूमि दिलाएंगे। यह भी दावा किया कि उनके पास दलालों, अधिवक्ताओं, पटवारियों और तहसीलदार की एक बड़ी टीम है।
पीड़ित का कहना है कि वर्ष 2022 में उन्होंने भूमि खरीदने के लिए आरोपियों को करीब 24 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया। इसकी एवज में आरोपियों ने फर्जी राजस्व दस्तावेज दे दिए। पीड़ितों ने आरोपियों से खरीदी गई भूमि को राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की प्रति मांगी तो बहाने बनाने लगे।
इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़ितों से कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराकर गवाह भी बना लिया। इसके बाद जांच करने पर पता चला कि खरीदी गई भूमि अस्तित्व में ही नहीं थी। सभी दस्तावेज फर्जी थे। बैंकों में खोले गए खाते जाली दस्तावेजों के आधार पर खोले गए थे। पीड़ितों से लिए गए चेक आरोपियों ने बैंक खातों में डाले और नकद राशि कुछ ही दिन में निकाल ली। पीड़ितों ने जब आरोपियों से धनराशि वापस करने की मांग की तो उन्होंने अंजाम भुगतने की धमकी दी।
इस मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सचिन भाटी, रविंद्र शर्मा, धीरज शर्मा, सोनू शर्मा, ऋषि पाल, आस मोहम्मद, मोहम्मद,आकील, साकिर, विनीत कुमार गुप्ता, मुदस्सिर, साकिर, इरशाद, सलाउद्दीन, तारीकत खान, नरेंद्र व अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में पहली गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य आरोपियों के बारे में भी अहम जानकारी मिली है। जल्द ही उन्हें भी दबोचने का दावा किया जा रहा है।
इसे पहले 26 दिसंबर 2023 को यमुना प्राधिकरण ने भूमाफिया के खिलाफ अभियान चलाकर प्राधिकरण की डेढ़ सौ करोड रुपए की जमीन को कब्जा मुक्त कराया। यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा लगभग 150,000 वर्ग मीटर भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है। इसकी बाजार में क़ीमत लगभग 150 करोड़ रुपये है। भूमाफियाओं ने अवैध तरीके से प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा कर लिया था और यहां पर प्लाटिंग की जा रही थी।
21 दिसंबर 2023 को जेवर में नोएडा एयरपोर्ट की अधिग्रहित जमीन पर कुछ भूमाफिया अवैध कब्जा कर रहे थे। इनके खिलाफ जिला प्रशासन ने एक्शन लिया। थाना रबूपुरा में जेवर तहसील में कार्यरत लेखपाल ने 7 भूमाफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। बताया जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण में भी सौंपी जाएगी। प्रत्यूष पाठक ने एफआईआर दर्ज करवाते वक्त बताया कि गांव नगला, हुकुम सिंह, माजरा और करौली बांगर इस समय तहसील जेवर में आता है। यहां पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहित की गई है। प्रत्यूष पाठक ने अपनी शिकायत में बताया कि इस जमीन पर राजकुमार, पुष्पेंद्र, राजीव कुमार, संजीव कुमार, जगजीत, धीरेंद्र और वीरेंद्र आदि लोग अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहे हैं। ये लोग नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित जमीन पर कब्जा करना चाहते है।
5 दिसंबर 2023 को यमुना प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भूमाफिया के कब्जे से करीब 236 करोड रुपए की जमीन को मुक्त कराया। प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर भूमाफिया जबरन कब्जा कर अवैध प्लाटिंग कर रहे थे। अलीगढ़ के खैर में प्राधिकरण के अधिकारियों ने खैर पुलिस और अलीगढ़ के अधिकारियों की मदद से भू माफियाओं के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को तोड़ दिया और जमीन को कब्जा मुक्त कराया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 8 दिसंबर 2023 को ग्रेटर नोएडा आए थे। गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) में उन्होंने पहुंचे पूरे मेरठ मंडल में विकास कार्यों की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने भूमाफिया के खिलाफ अधिकारियों को कठोर करवाई करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि अवैध अतिक्रमण नासूर बनता जा रहा है। भूमाफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अतिक्रमण और भूमाफ़िया, विकास योजनाओं की राह का सबसे बड़ा रोड़ा हैं। जिन क्षेत्रों में नई विकास योजनाओं की घोषणा होती है, वहां काम शुरू होने से पहले ही बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण कर लिया जाता है। शुरुआती दौर में बहुत सारी वज़हों के चलते ही ज़िम्मेदार अफ़सर अवैध अतिक्रमण पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से बाद में नुक़सान उठाना पड़ता है। विकास योजना लटक जाती है और बड़ी संख्या में मुक़दमे शुरू हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने अवैध अतिक्रमण पर कड़ाई से नियंत्रण करने का आदेश सभी विकास प्राधिकरणों, पुलिस और प्रशासन को दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमाफ़िया के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाए। भूमाफ़िया पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
–आईएएनएस
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