जयपुर, 16 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला मंगलवार को आयोजित की जा रही है।
विधायकों को सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक अलग-अलग सत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्घाटन सत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपना संसदीय अनुभव साझा करेंगे। शाम को समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अपने अनुभव साझा करेंगे।
उद्घाटन सत्र के बाद विधानसभा की प्रक्रियाओं, कामकाज के संचालन के नियमों और सदन में सामान्य आचरण के संबंध में एक सत्र आयोजित किया जाएगा। इसे लोकसभा सांसद सत्यपाल सिंह और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह संबोधित करेंगे। इसके बाद प्रश्नकाल और शून्यकाल में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल का सत्र आयोजित किया गया है।
विधानसभा की समितियों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का सत्र भी होगा। राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी संसदीय विशेषाधिकार विधेयक पारित करने की प्रक्रिया की जानकारी देंगे।
विधानसभा एवं संसदीय मामलों के विशेषज्ञ चक्षु राय द्वारा बजट प्रबंधन एवं कटौती प्रस्तावों पर एक सत्र का आयोजन किया गया है। लोकसभा सांसद राजेंद्र अग्रवाल संसदीय प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव और विशेष उल्लेख प्रस्ताव पर जानकारी देंगे।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच संवाद कायम रखा जाएगा। उन्होंने कहा, “इसके लिए हम हर सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक करेंगे। इस बार 18 जनवरी को सर्वदलीय बैठक होगी।”
देवनानी ने कहा, ”मेरी कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा विधानसभा बैठकें हों। केरल विधानसभा 60 दिन चलती है और हमारा भी नियम है कि साल में कम से कम 60 दिन विधानसभा की बैठकें होनी चाहिए। पिछले कई सालों से हम देख रहे हैं कि विधानसभा की बैठकों की संख्या लगातार घटती जा रही है।
”विधानसभा में कई बार पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध की स्थिति बन जाती है। बातचीत के जरिए गतिरोध तोड़ने की कोशिश की जाएगी। किसी भी गतिरोध की स्थिति में हम पक्ष-विपक्ष को एक टेबल पर बैठाकर उसका समाधान निकालेंगे। मेरी भूमिका संवाद करने की होगी। विधानसभा में सार्थक चर्चा होनी चाहिए। विधानसभा पर जनता का पैसा खर्च होता है तो उसका महत्व तभी है जब जनहित के मुद्दों पर अधिक से अधिक चर्चा हो।”
–आईएएनएस
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