पटना, 18 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में पिछले कुछ दिनों की सियासी गतिविधियों और बयानबाजियों पर गौर करें तो सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दो बड़े दल राजद और जदयू में तालमेल बिगड़ने का आभास मिल रहा है। ऐसे में यह भी कहा जाने लगा है कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की सेहत पर भी प्रतिकूल असर देखने को मिलेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा 15 जनवरी को आयोजित दही-चूड़ा भोज में शामिल होने के लिए जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पैदल ही पहुंचे, तब यह माना जाने लगा था कि राजद और जदयू के रिश्ते में पड़ी गांठ सुलझ गई है। लेकिन, बुधवार को दो बड़ी बातें एक बार फिर चर्चा को गर्म कर रही हैं कि दोनों दलों में संबंध मधुर नहीं रहे।
दरअसल, बुधवार को जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से नीतीश की नाराजगी से संबंध में पूछा गया तो उन्होंने इस सवाल को ही टाल दिया। इसके अलावा, उसी दिन नीतीश कुमार प्रकाश पर्व के मौके पर अकेले तख्त हरिमंदिर परिसर, पटना साहिब में शामिल हुए तो उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के वहां से लौटने के बाद तख्त हरिमंदिर परिसर पहुंचे। इससे पहले भी जब इंडिया गठबंधन की दिल्ली में बैठक होने वाली थी, तब भी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार अलग-अलग दिल्ली गए और वापस लौटे।
इधर, कहा जा रहा है कि सीट बंटवारे को लेकर लालू का फॉर्मूला नीतीश को पसंद नहीं आ रहा है और सिटिंग सांसदों की 16 सीटें नहीं छोड़ने की जदयू की जिद राजद को नहीं पच रही है। यही कारण है कि लालू प्रसाद कह रहे हैं कि सीट बंटवारे को लेकर जल्दी नहीं है, जबकि जदयू के नेता जल्द सीट बंटवारे को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं।
–आईएएनएस
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