नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उच्च शिक्षा मंत्रालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध उन 12 कॉलेजों की जांच के आदेश दिए हैं, जो पूरी तरह से दिल्ली सरकार द्वारा फंडिंग हैं।
सरकार ने इन सभी 12 कॉलेजों में बड़ी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने सचिव (उच्च शिक्षा) को इन कॉलेजों की कथित अनियमितताओं की जांच करने को कहा है।
मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि इन कॉलेजों में बड़ी प्रक्रियात्मक अनियमितताएं हैं, इन कॉलेजों ने जीएनसीटीडी की मंजूरी के बिना 939 शिक्षण और 958 गैर-शिक्षण कर्मचारियों सहित 1897 कर्मचारियों की नियुक्ति की है।
मंत्रालय ने कहा कि यह स्थापित सरकारी प्रक्रियाओं और नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
उन्होंने अधिकारियों को अवैध रूप से नियुक्त स्टाफ सदस्यों के 2015 से वेतन की वसूली सहित अवैध पद सृजित करने के लिए जिम्मेदार प्रिंसिपलों और अधिकारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
अनुबंधों के निष्पादन में जीएफआर प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए मंत्रालय ने कहा कि इन कॉलेजों को सरकारी खजाने से वित्त पोषित किया जाता है और इसलिए, धन के किसी भी दुरुपयोग के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इसमें उल्लेख किया गया है कि खामियों में सरकारी खजाने से सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च करना शामिल है।
मंत्रालय ने कहा, ”कॉलेजों ने एटीआर जमा नहीं किया है। जवाबदेही सार्वजनिक धन के पारदर्शी, विवेकपूर्ण खर्च की मांग करती है, जिसका इन कॉलेजों द्वारा बार-बार उल्लंघन किया जाता है।”
इसमें कहा गया है कि इन कॉलेजों में सुरक्षा और स्वच्छता कार्यों के लिए करोड़ों रुपये के अनुबंध जीएफआर का पालन किए बिना निष्पादित किए गए और लेखांकन मानदंडों और जीएनसीटीडी द्वारा अनुमोदित सहायता पैटर्न का उल्लंघन किया गया।
–आईएएनएस
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