पणजी, 8 फरवरी (आईएएनएस)। गोवा के पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा मंत्री नीलकंठ हलनकर ने विधानसभा में कहा, “बच्चों और वयस्कों पर कुत्तों के हमले के मामले सामने आने के बाद गोवा सरकार कुत्तों की कुछ नस्लों की पहचान करने और उन्हें सूचीबद्ध करने पर विचार कर रही है जो कि खूंखार हैं।”
उन्होंने यह बात बुधवार को निर्दलीय विधायक के लिखित प्रश्न के उत्तर में कही।
मंत्री ने कहा, “कुत्तों की कुछ नस्लों की पहचान करने और उन्हें सूचीबद्ध करने पर विचार किया जा रहा है, जो कि क्रूर हैं। स्थानीय निकायों को अपने क्षेत्राधिकार में स्वामित्व वाले कुत्तों का पंजीकरण कराना होगा, ताकि राज्य में पालतू जानवर के रूप में रखे गए कुत्तों के विभिन्न नस्लों का डेटा उपलब्ध हो सके।”
नीलकंठ हलनकर के मुताबिक, ”2012 के पशुधन जनगणना के मुताबिक, पालतू कुत्तों की संख्या 52,323 बताई गई थी, जबकि आवारा कुत्तों की संख्या 16,325 थी। इसके बाद 2019 के सर्वे के अनुसार, पालतू कुत्तों की संख्या 86,976 और आवारा कुत्तों की संख्या 27,864 थी।
वहीं, आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर मंत्री ने कहा, “आमतौर पर आवारा कुत्तों को स्थानीय निकाय, गांव पंचायत या नगर-निगम के शासनादेश के रूप में चिन्हित किया जाता है। विभाग सुविधाप्रदाता के रूप में काम करता है, इसलिए ‘गोवा लघु पशु बचाव प्रबंधन योजना 2014 (संशोधित)’ लॉन्च किया गया था। ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को गैर सरकारी संगठनों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना होगा और उस योजना को लागू करना होगा जिसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा सहायता अनुदान प्रदान किया जाता है। अब तक महज 51 स्थानीय निकायों ने ही इस योजना का लाभ उठाया है, इसलिए अधिकांश क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की आबादी में वृद्धि हुई है।
मंत्री ने आगे कहा, ‘आमतौर पर आवारा कुत्ते झुंड में रहते हैं और उनके बीच खाने को लेकर प्रतिस्पर्धा होती है, इसलिए उनके अंदर आने-जाने वाले हर शख्स पर हमला करने की प्रवृत्ति पैदा हो जाती है, लेकिन आवारा कुत्ते आमतौर पर नहीं काटते हैं, जब तक कि उन्हें उकसाया न जाए। वहीं, कुछ नस्लों के कुत्ते जो खूंखार होते हैं, उन्हें संभालने वाले के लिए नियंत्रित करना मुश्किल होता है, इसलिए जब वे सड़कों पर चल रहे होते हैं, तो वे अजनबियों पर हमला कर देते हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार उन लोगों के लिए घरों में रॉटवीलर जैसी क्रूर कुत्तों की नस्लों को रखने की एक उचित प्रणाली निर्दिष्ट करने की योजना बना रही है, जो उन्हें नियंत्रित कर सकते हैं और इन क्रूर नस्लों को लगातार प्रशिक्षण प्रदान कर सकते हैं।
–आईएएनएस
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