रायपुर, 9 फरवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार का पहला बजट वित्त मंत्री ओपी. चौधरी ने पेश किया। 1.47 लाख करोड़ के इस बजट में किसी नए कर का प्रावधान नहीं है। राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को विधानसभा में डिजिटल बजट पेश किया। डिजिटल बजट पेश करने पर विपक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई तो सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि हम पेपरलेस की तरफ बढ़ रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि पांच सालों में जीडीपी को 5 लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए 10 पिलर्स का निर्धारण किया गया है। जिसमें ज्ञान, गरीब युवा, अन्नदाता, महिला हमारे केंद्र में हैं। हम ऑनलाइन माध्यम से सरकार के राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि करके दिखाएंगे। विभिन्न विभागों को तकनीकी रूप से समृद्ध करने के लिए 266 करोड़ का प्रावधान है। पूंजीगत व्यय में गत वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत वृद्धि की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि 20 प्रतिशत कैपेक्स वृद्धि का लक्ष्य तय किया गया है। प्राकृतिक संसाधनों के लाभ का समान वितरण आमजनों के हित में होगा। ईको टूरिज्म के लिए रोडमैप तैयार करेंगे। सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश सुनिश्चित होगा। पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देंगे। प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि बस्तर, सरगुजा पर विशेष जोर होगा। बस्तर में लघु वन उपज के प्रसंस्करण के लिए उद्योगों की स्थापना की जाएगी। हर क्षेत्र की विशेषताओं के अनुरूप विकास सुनिश्चित करेंगे। रायपुर और भिलाई के आसपास के इलाकों को स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा।
ओपी. चौधरी ने बजट पेश करते हुए बताया कि नया रायपुर में आईटी हब विकसित किया जाएगा। कोरबा, रायगढ़, उरला, सिलतरा जैसे क्षेत्रों में उद्योगों को आगे बढ़ाया जाएगा, इस पर काम करेंगे। छत्तीसगढ़ की संस्कृति का विकास हमारा संकल्प है।
वित्त मंत्री ने वादा किया कि हम प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए सतत कार्य करेंगे। देश और दुनिया में चल रहे बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाएंगे। छत्तीसगढ़ एडवाइजरी काउंसिल का गठन करेंगे। पीएम मोदी ने ‘बदलबो-बदलबो’ का नारा दिया था। यह नारा विकासशील छत्तीसगढ़ को विकसित बनाने के लिए है।
–आईएएनएस
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