नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को पेश किए गए बजट 2023-24 में अपने आवंटन में भारी गिरावट देखी है।
बजट में 2022-23 में 10,667 करोड़ रुपये के मुकाबले मंत्रालय को 3,113.36 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसे बाद में संशोधित कर 9,363.70 करोड़ रुपये कर दिया गया।
बजट के दस्तावेजों से पता चलता है कि बड़ी कमी मुख्य रूप से एआई एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के लिए कम धन आवंटन के कारण है, जो सरकार द्वारा गठित एक विशेष प्रयोजन वाहन है और जो राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया की विभिन्न संपत्तियों को रखती है।
बुधवार को घोषित बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम खंड के तहत एआईएएचएल के लिए 1,114.49 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 2022-23 के बजट में एआईएएचएल को शुरू में 9,259.91 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बाद में संशोधित कर 7,200 करोड़ रुपये कर दिया गया था और एयर इंडिया के वित्तीय पुनर्गठन के परिणामस्वरूप एसपीवी को हस्तांतरित ऋण की सर्विसिंग के लिए प्रावधान रखा गया है।
दूसरी ओर, नवीनतम बजट ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष के लिए क्षेत्रीय हवाई संपर्क के लिए राशि को बढ़ाकर 1,244.07 करोड़ रुपये कर दिया है। प्रस्ताव 22 हवाईअड्डों के पुनरुद्धार और 100 आरसीएस मार्गो की शुरुआत के लिए है, और इसके लिए व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण के लिए है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एयर कनेक्टिविटी और एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना भी तैयार की गई है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार के लिए 50 अतिरिक्त हवाईअड्डों, हेलीपोर्ट्स, वाटर एयरोड्रोम और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को पुनर्जीवित किया जाएगा।
विमानन नियामक डीजीसीए को इस बजट में 309 करोड़ रुपये मिले हैं और प्रावधान नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और उसके क्षेत्रीय और क्षेत्रीय कार्यालयों के स्थापना व्यय को पूरा करने के लिए है। यह प्रशिक्षण परियोजनाओं, ईजीसीए परियोजना, डीजीसीए भवन के निर्माण के लिए प्रदान करता है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन में भारत के योगदान का प्रावधान भी शामिल है।
–आईएएनएस
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