बेंगलुरु, 12 फरवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक विधानसभा के संयुक्त सत्र के दौरान गवर्नर थावरचंद गहलोत ने अपने संबोधन में संविधान को ‘राष्ट्रीय धर्म’ बताया।
गवर्नर ने कहा, ”संविधान के मुताबिक, चुनाव में धर्म और जाति का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारेे सभी काम संविधान के अनरूप हों। किसी भी संवैधानिक संस्था का कोई अनुचित उपयोग ना करें। इसके लिए जरूरी है कि हम संकल्पबद्ध होकर संवैधानिक संस्थाओं की सुरक्षा करें। हमारे लिए संविधान राष्ट्रीय धर्म है। हमें यह प्रतिज्ञा लेनी होगी कि जब संविधान की सुरक्षा करेंगे, तभी संविधान भी हमारी सुरक्षा करेगा।”
उन्होंने कहा, ”पिछले कुछ दिनों में सरकार ने इस बात को महसूस किया है कि कैसे शिक्षा के क्षेत्र में मौजूदा कमी को सुधारा जाए। मुझे विश्वास है कि राज्य की मौजूदा शिक्षा नीति आगामी दिनों में देश को नई राह दिखाएगी।”
गवर्नर ने आगे कहा, ”कन्नड़ भाषा की समृद्धि हमारे लिए जीवन और मृत्यु का विषय है। हम अपनी भाषा और संस्कृति पर किसी भी प्रकार का प्रहार बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे। वहीं हमारी सरकार अपनी मातृ भाषा को सुरक्षित करने की दिशा में प्रतिबद्ध है। कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम – 2022 कन्नड़ भाषा के समग्र विकास के लिए बनाया गया है और इसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, ”जहां विकास चंद तक लोगों तक सीमित या केंद्रित रह जाए, उसे विकास नहीं कहा जा सकता, इसलिए सरकार ने आर्थिक विकास के आयाम को बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि वंचित जनता को समग्र विकास में शामिल किया जा सके। आर्थिक विकास सभी को हासिल हो सके। वहीं, गारंटी योजनाएं तो महज एक शुरुआत है। इसके आगे का परिणाम और व्यापक होने जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, ”तकनीक के क्षेत्र में हो रहे नवाचार ने मानवजीवन के विभिन्न पहलुओँ को ना महज प्रभावित किया है, बल्कि कई नए अवसरों का भी सृजन किया है। हम नई शिक्षा नीति तैयार कर रहे हैं, ताकि वो उद्ममिता विकसित कर नए अवसरों को अपना सकें। कर्नाटक की नई शिक्षा नीति आगामी दिनों में नए-नए संभावनाओं के द्वार खोलेगी, जो कि शिक्षा क्षेत्र में मौजूदा प्रगति को ध्यान में रखते हुए वर्तमान और भविष्य की जरूरतों की पूर्ति करेगी।”
गवर्नर ने आगे कहा, ”पिछले आठ महीने में राज्य मेँ 77 हजार करोड़ से भी ज्यादा का निवेश हुआ है और मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि जीएसटी कलेक्शन के मामले में भी हमारा राज्य देश में पहले स्थान पर आया है।”
–आईएएनएस
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