नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बुधवार को 29,610 करोड़ रुपये की पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना शुरू की।
मंत्री ने कहा कि कोविड काल के दौरान शुरू की गई योजना को नया स्वरूप दिया गया है। इसे अगले 3 वर्षों के लिए लागू किया जाएगा। उद्योग, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और डेयरी सहकारी समितियों को इस योजना से लाभ होगा] क्योंकि परिव्यय पहले के 15,000 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 29,610 करोड़ रुपये हो गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 फरवरी को अपनी बैठक में 29,610 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत एएचआईडीएफ के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी, जो डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत आवंटित 15,000 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना है, जिसे योजना में शामिल किया गया है।
डेयरी सहकारी समितियों को अब एएचआईडीएफ के तहत डीआईडीएफ में मिलने वाली 2.5 प्रतिशत की बजाय 3 प्रतिशत की ब्याज छूट का लाभ मिलेगा। डेयरी सहकारी को एएचआईडीएफ के क्रेडिट गारंटी फंड के तहत क्रेडिट गारंटी सहायता भी मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि यह योजना डेयरी सहकारी समितियों को अद्यतन प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के साथ अपने प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने में मदद करेगी। इससे देश में बड़ी संख्या में दूध उत्पादकों को फायदा होगा।
बुधवार को उद्घाटन समारोह में उद्योग संघ, एनडीडीबी, डेयरी सहकारी समितियां, एफपीओ और पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकारी मौजूद थे। बातचीत के दौरान पात्र संस्थाओं में से एक, एबीआईएस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने पशुधन क्षेत्र में बुनियादी ढांचा बनाने में योजना की भूमिका की सराहना की और कहा कि वे बुनियादी ढांचे के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।
योजना की मुख्य बातें…
1- क्रेडिट गारंटी टर्म लोन के 25 प्रतिशत तक कवर करती है।
2- ऋण राशि की कोई सीमा नहीं है।
3- अनुमानित/वास्तविक परियोजना लागत का 90 प्रतिशत तक ऋण।
4- अन्य मंत्रालयों या राज्य स्तरीय योजनाओं की पूंजीगत सब्सिडी योजनाओं के साथ तालमेल बिठाना।
5- ऑनलाइन पोर्टल www.ahidf.udaymitra.in के जरिए आवेदन प्रक्रिया में आसानी।
–आईएएनएस
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