कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 3 फरवरी (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या मामले की चल रही जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के बाबू की पीठ ने जांच की निगरानी की मांग करने वाली दो लड़कियों की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिले के वालयार में यह घटना जनवरी 2017 में घटी थी। 13 साल की दो जुड़वां बहनों में से बड़ी बहन को घर के अंदर उसकी 9 साल की छोटी बहन ने फांसी पर लटका पाया था।
छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने उस दिन दो लोगों को घर से निकलते हुए देखा था और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। 52 दिन बाद मार्च 2017 में छोटी बहन भी उसी घर में फंदे से लटकी मिली थी।
पीड़िता की मां ने चल रही सीबीआई जांच पर अपनी नाराजगी तब व्यक्त कि जब उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा मामले में सबूतों की अनदेखी देखी। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सीबीआई ने जांच में अनदेखी की है और वह उचित जांच के बिना ही जांच खत्म करने की जल्दी में हैं। इसलिए पीड़ितों की मां ने मांग की कि अदालत सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी को पीड़ितों की मौत में हत्या के एंगल के अलावा अन्य पहलुओं पर जांच के निर्देश दे।