नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। खालिस्तानी गतिविधियों की आड़ में पंजाबियों को निशाना बनाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गुरुवार को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने एक तरफ जहां पंजाब के गौरवशाली इतिहास को याद किया, तो वहीं दूसरी तरफ देश के विकास में पंजाब के उल्लेखनीय योगदान का जिक्र कर उनकी तारीफों के कसीदे पढ़े।
पिछले कुछ दिनों से खालिस्तानी गतिविधियों की आड़ लेकर विदेश में बैठे गिरोह विश्व समुदाय में पंजाबियों की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, पंजाब के कई बुद्धिजीवी सामने आकर स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका खालिस्तानियों के शरारती गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं है। अब ऐसे में राज्यपाल का यह पत्र अहम हो जाता है।
राज्यपाल ने अपने पत्र में राष्ट्र निर्माण में पंजाबियों का जिक्र कर कहा कि, “रविंद्रनाथ टैगोर की भूमि में जहां राष्ट्र का निर्माण पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा के नाम पर किया जाता है, वहां हमें ऐसी किसी भी गतिविधि को करने से बचना चाहिए, जिससे हमारे पंजाबी भाइयों की भावनाओं को ठेस पहुंचे।”
उन्होंने आगे अपने पत्र में कहा, “भारतीय इतिहास के निर्माण में पंजाबी भाइयों की वीरगाथा का गौरवपूर्ण उल्लेख है। राष्ट्र सुरक्षा की दिशा में हमारे पंजाबी भाई एक अभेद पत्थर की तरह हमेशा खड़े रहे हैं। पंजाबी किसानों ने भी देशवासियों का पेट भरने की दिशा में अहम भूमिका निभाई है। वहीं, पंजाब का अटल राष्ट्रवादी चरित्र, समझौता ना करने वाली वीरता व पंजाबी लोक साहित्य हमें प्रेरित करती है। इसके अलावा पंजाबी भाइयों की पगड़ी पंजाब का प्रतीक है।”
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपने पत्र में कहा, “गुरु नानक भारतीय धर्म और संस्कृति के महान प्रतीक हैं। मैं अपने पंजाबी भाइयों से कहना चाहता हूं कि बंगाल आपके साथ खड़ा है। भारत आपके साथ खड़ा है। हमारा समाज आपके साथ खड़ा है। हमारी संस्कृति आपके साथ खड़ी है।”
राज्यपाल ने आगे अपने पत्र में कहा, “राजभवन पंजाब के प्रतीक के रूप में एक पंजाबी बाग बनाएगा। 23 मार्च को राजभवन में भगत सिंह की शहादत के दिन उनकी तस्वीर का अनावरण भी किया जाएगा।”
–आईएएनएस
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