नई दिल्ली, 29 फरवरी (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के तौर-तरीके पर सवाल उठाते हुए ममता बनर्जी सरकार और इंडी गठबंधन पर तीखा हमला बोला है।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा कि ममता बनर्जी और इंडी गठबंधन में शामिल नेता ये बताएं कि शाहजहां शेख ने जो विक्ट्री साइन दिखाया, उसका क्या मतलब था।
उन्होंने कहा कि ये वही बात है, महिलाओं पर यातना, अत्याचार को विजय का प्रतीक बनाना, ये मध्य कालीन मुगलिया मानसिकता का प्रतीक है। ममता सरकार आज वही मानसिकता दिखा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक शाहजहां शेख को सेक्युलर सरंक्षण प्राप्त था, लेकिन अब ईडी और सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से बचाने और कानूनी संरक्षण देने के लिए उसे पश्चिम बंगाल पुलिस की मेहमाननवाजी में भेजा गया है।
त्रिवेदी ने कहा कि 56 दिन तक गायब रहने के बाद अचानक शाहजहां शेख की गिरफ्तारी हो गई। जैसे ही कोर्ट ने ईडी के मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया, शेख को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन संदेशखाली मामले में महिलाओं पर अत्याचार की कोई भी धारा, बलात्कार या बलात्कार के लिए प्रेरित करने की कोई भी धारा उस पर नहीं लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि शाहजहां शेख अभी तक ममता बनर्जी सरकार के संरक्षण में किसी महफूज ठिकाने पर सुरक्षित था और अब उसे दोबारा हिफाजत देने के लिए ही गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पश्चिम बंगाल पुलिस की मेहमाननवाजी में चला गया है, गिरफ्तारी के दौरान शाहजहां शेख और पश्चिम बंगाल पुलिस की बॉडी लैंग्वेज से भी यह साफ-साफ नजर आ रहा है। त्रिवेदी ने पूछा कि अगर बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को ईडी मामले में गिरफ्तार किया है तो पुलिस ने उसे ईडी के सुपुर्द क्यों नहीं किया।
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के बड़े नेता बीके हरिप्रसाद द्वारा पाकिस्तान को भाजपा का दुश्मन बताने के दिए गए बयान को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि उनकी मोहब्बत की दुकान में पाकिस्तान के लिए इतनी मोहब्बत क्यों नजर आ रही है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि वहां कांग्रेस झूठे वादे के साथ सरकार में आई थी, अब जनता उनके झूठ से त्रस्त हो गई है, कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री के आंखों में आंसू हैं और कांग्रेस को दूसरे पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा की विधानसभा की कार्यवाही से विधायकों को निकाल देना कांग्रेस की नैतिक और विधायी हार है।
–आईएएनएस
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