रांची, 5 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्तियों की जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब पर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में जांच के लिए बनाए गए दूसरे आयोग की रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत की गई है, लेकिन फिलहाल उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एक आयोग पहले बनाया गया था और उसने जांच रिपोर्ट राज्यपाल को दी थी। राज्यपाल ने उस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित भी किया है। उसके बावजूद दूसरा आयोग क्यों और किन प्रावधानों के आधार पर बनाया गया?
अदालत ने इस मामले में विस्तृत और बिंदुवार जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने का निर्देश दिया और इसकी सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख मुकर्रर की।
उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा में करीब 150 पदों पर अवैध नियुक्तियों की जांच को लेकर शिव शंकर शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2005 से वर्ष 2007 के बीच विधानसभा में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है।
मामले की जांच के लिए पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग का गठन किया गया। आयोग ने जांच कर वर्ष 2018 में राज्यपाल को रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
–आईएएनएस
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