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Home ताज़ा समाचार

सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल घोटालों की जांच में कलकत्ता हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका की खारिज

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March 7, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

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पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

–आईएएनएस

सीबीटी/

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

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न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

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शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

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न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

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गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

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न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

–आईएएनएस

सीबीटी/

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कथित घोटालों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और तलाशी अभियानों की सूचना के प्रसार के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

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न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।

पीठ ने एएसजी राजू से कहा, यदि आप याचिका वापस लेना चाहते हैं, तो आप इसे वापस ले लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे। पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत के कहने पर एएसजी राजू ने याचिका को वापस लेने का फैसला किया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, एसएलपी को खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने दलील दी थी कि ईडी के अधिकारी उनके चरित्र की हत्या करने और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जांच से संबंधित जानकारी लीक करते हैं।

अपने आदेश में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने कहा, “आम तौर पर जांच एजेंसियों और विशेष रूप से ईडी को अपने छापे/पूछताछ/तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में मामले की सुनवाई की निष्पक्षता प्रभावित होती है और संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता भी उजागर होती है।”

हाई कोर्ट ने मीडिया से यह भी कहा था कि मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल होने से पहले आरोपियों की तस्वीरें प्रकाशित न की जाएं।

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