तिरुवनंतपुरम, 6 फरवरी (आईएएनएस)। केरल के दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी का हालचाल जानने उनके करीबी सहयोगी और दिग्गज कांग्रेसी नेता ए.के. एंटनी सोमवार को उनके निवास पर पहुंचे।
पिछले चार दशकों से केरल की कांग्रेस में एंटनी गुट का दबदबा रहा है, लेकिन इसका प्रबंधन चांडी के हाथ में था।
लेकिन चांडी के छोटे भाई एलेक्स वी. चांडी ने एक नया विवाद तब शुरू कर दिया जब 41 अन्य लोगों के साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को एक पत्र लिख कर ओमन चांडी के उचित चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
एंटनी ने कहा कि वह अक्सर चांडी के स्वास्थ्य के बारे में पूछते रहते हैं।
जब मीडिया ने चांडी के स्वास्थ्य के बारे में सवाल किया तो एंटनी ने कहा कि वह राजनीति पर चर्चा करने आए हैं और मीडिया से अटकलें नहीं लगाने को कहा।
इस बीच, चांडी के भाई ने चांडी की पत्नी, बेटे और बड़ी बेटी मारिया पर आरोप लगाए कि वे उन्हें उचित इलाज नहीं दे रहे हैं और इसलिए उन्हें विजयन से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
चांडी के भाई ने कहा, मेरे भाई की सबसे छोटी बेटी अचू उन्हें अच्छा इलाज मुहैया कराने की पूरी कोशिश कर रही है। मेरे भाई को उन लोगों से मिलने की अनुमति नहीं है जो उनसे मिलने आते हैं। पाला के विधायक मणि सी. कप्पन को मिलने नहीं दिया गया। अब मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिए जाने के बाद इसे वापस लेने का भारी दबाव है। मेरे भाई के पिछले महीने बेंगलुरु से आने के बाद, पिछले 15 दिनों से कोई इलाज नहीं मिल रहा है।
2015 में मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम चरण के दौरान, चांडी को बोलने में कठिनाई होने लगी और उन्हें इलाज के लिए पहले तिरुवनंतपुरम और फिर विदेश के कुछ अस्पतालों में ले जाया गया।
1 जनवरी को, चांडी बेंगलुरू से इलाज के बाद लौटे। इससे पहले वो जर्मनी में इलाज करा चुके हैं।
मौजूदा विवाद तब शुरू हुआ जब चांडी को इलाज के लिए बेंगलुरू लौटना था। वह वहां गए लेकिन बताया गया कि वह जल्दी लौट आए।
अब पचा चला है कि चांडी जल्द ही बेंगलुरु के लिए फिर से रवाना होंगे।
अब देखना होगा कि ज्ञापन मिलने के बाद विजयन क्या कार्रवाई करते हैं।
विधानसभा सत्र भी शुरू हो रहा है तो ऐसे में देखना होगा कि क्या विपक्ष इस मुद्दे को विधानसभा के पटल पर उठाएगा। 1970 के बाद से चांडी सबसे लंबे समय तक रहने वाले विधायक हैं।
फिलहाल चांडी की आवाज फिर से काफी खराब हो गई है।
–आईएएनएस
एसकेपी