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Home ताज़ा समाचार

बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, आज हम साकार कर रहे : सीएम योगी

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March 15, 2024
in ताज़ा समाचार
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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

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इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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बलरामपुर, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1,488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी में लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे।

उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। श्रावस्ती को एयरपोर्ट मिल चुका है। बलरामपुर में विश्वविद्यालय कभी कल्पना थी, अब वो भी साकार हो रही है। इस कमिश्नरी के चार जनपदों में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, दो बन चुके और तीसरे का उद्घाटन आज हो रहा है। एक एयरपोर्ट और एक विश्वविद्यालय भी यहां है। साथ ही सरयू नगर राष्ट्रीय परियोजना, जो चार दशकों से लटकी हुई थी, उसका भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण कर दिया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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