deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home Today's Special News

रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव में रेल लाइन निर्माण से कई घरों में पड़ी दरारें

by
February 7, 2023
in Today's Special News, अभिमत, इंदौर, उज्जैन, खेल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, जानकारी, तकनीकी, ताज़ा समाचार, नर्मदापुरम, ब्लॉग, भोपाल, मनोरंजन, रीवा, लाइफ स्टाइल, विचार, शहडोल, सागर
0
रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव में रेल लाइन निर्माण से कई घरों में पड़ी दरारें
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

READ ALSO

रील बनाने के चक्कर में गई जान

नुनसर पुलिस चौकी में रात में बंद रहता है अंदर से दरवाजा!

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

ADVERTISEMENT

रुद्रप्रयाग, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में जिस तरह से विकास किया जा रहा है उसे देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर से पहाड़ पर हो रहा विकास अब उसी पहाड़ के लिए विनाश साबित होने लगा है। सिर्फ जोशीमठ ही नहीं कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग से भी ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक ओर तस्वीर सामने आई है रुद्रप्रयाग के खांखरा गांव से जहां चल रहा रेल निर्माण का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारें पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया और ना ही कोई ओर कार्यवाई हो पाई है। जिसके कारण यहां के लोग आक्रोशित हैं।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है। यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं।

करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। यहां लोग खतरे के साये में जीवन जीने को मजबूर है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

Related Posts

रील बनाने के चक्कर में गई जान
जबलपुर

रील बनाने के चक्कर में गई जान

May 16, 2025
नुनसर पुलिस चौकी में रात में बंद रहता है अंदर से दरवाजा!
जबलपुर

नुनसर पुलिस चौकी में रात में बंद रहता है अंदर से दरवाजा!

May 16, 2025
प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी 31 मई और 1 जून को
खेल

प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी 31 मई और 1 जून को

May 16, 2025
खेल

आईपीएल के बचे मैचों में डीसी से नहीं जुड़ेंगे स्टार्क और डुप्लेसी (लीड-1)

May 16, 2025
खेल

गंभीर चोट से उबरने के बाद पूवन्ना की नजर भारत के लिए सीनियर पदार्पण करने पर

May 16, 2025
खेल

जब भी बुमराह को आराम की जरूरत होगी, गिल टेस्ट कप्तान हो सकते हैं: जाफर

May 16, 2025
Next Post
2022 में रिकॉर्ड 1.88 करोड़ घरेलू पर्यटक आए केरल

2022 में रिकॉर्ड 1.88 करोड़ घरेलू पर्यटक आए केरल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

भारत जोड़ो यात्रा शनिवार को करेगी दिल्ली में प्रवेश

भारत जोड़ो यात्रा शनिवार को करेगी दिल्ली में प्रवेश

December 19, 2022

भारतीयों को अब टेस्ट क्रिकेट में कोई दिलचस्पी नहीं है : सर्वे

September 2, 2023

देश को बर्बाद करने वाला शासक था औरंगजेब : महिपाल ढांडा

March 18, 2025
आधी रात से पहले बंद होंगे राजस्थान में बार, क्लब : गहलोत

आधी रात से पहले बंद होंगे राजस्थान में बार, क्लब : गहलोत

January 18, 2023
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

081527
Total views : 5875124
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In