जम्मू, 19 मार्च (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पी.के. पोल ने मंगलवार को कहा, “चुनाव हमारे लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है और सभी को इसमें भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण व भयमुक्त माहौल में हो।” आईएएनएस के साथ बात करते हुए पोल ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
सीईओ पोल ने कहा कि आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।
सीईओ ने कहा, ”भड़काऊ बयानों से जनता के बीच नफरत, वैमनस्य व दुर्भावना पैदा होती है। सभी को संयमित और शालीन भाषा का उपयोग करना चाहिए। धर्म, जाति, समुदाय आदि के आधार पर लोगों को भड़काने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।”
सीईओ ने कहा कि अतीत में आयोग ने धर्म, जाति, समुदाय, भाषा आदि के आधार पर राजनीतिक दलों के नेताओं व अन्य द्वारा लोगों को भड़काते देखा गया है।
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए संभावित दंडात्मक कार्रवाई के बारे में बताते हुए सीईओ ने कहा, “आरपी अधिनियम, 1951 की धारा 125, आईपीसी की धारा 153 बी जैसे कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।”
उन्होंने कहा,“ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन एक संज्ञेय अपराध है और इसके लिए सज़ा या जुर्माना या दोनों हो सकता है।”
सीईओ ने कहा,“मैं राजनीतिक दल के नेताओं और उम्मीदवारों सहित सभी को याद दिलाता हूं कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं है। सीमा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि यदि कोई उम्मीदवार या इच्छित उम्मीदवार शत्रुता को बढ़ावा देता है और देश या न्यायपालिका की अखंडता के खिलाफ बोलता है, तो उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “आदर्श आचार सहिता का बार-बार उल्लंघन पर आयोग पार्टी की मान्यता रद्द कर सकता है।”
सीईओ से जब संबंधित पक्षों द्वारा आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा अपनाए जा रहे तंत्र के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति, समूह या कोई संगठन सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगता है, तो हम उनसे आयोग के दिशानिर्देशों का पालन करने संबंधी घोषणा पत्र देने के लिए कहते हैं। ऐसा न करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाती है।”
उन्होंने बताया कि नेताओं व दलों के कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी के माध्यम से कड़ी निगरानी की जाएगी।
–आईएएनएस
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