शिवमोग्गा (कर्नाटक), 20 मार्च (आईएएनएस)। पार्टी के खिलाफ जाते हुए शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने बुधवार को दावा किया कि वह यहाँ से जीतेंगे।
उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद बी.वाई. विजयेंद्र से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद छिन जाएगा।
वरिष्ठ नेता शिवमोग्गा से भाजपा उम्मीदवार बी.वाई. राघवेंद्र के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे और विजयेंद्र के भाई हैं।
दिग्गज नेता ईश्वरप्पा ने कहा, ”उन्होंने (भाजपा) मुझे आश्वासन दिया है कि वे मेरे बेटे को विधान पार्षद बनाएँगे और मुझे राज्यपाल का पद दिया जाएगा। मेरी एकमात्र चिंता यह है कि भाजपा राज्य में फलती-फूलती रहे।”
उनके बेटे के.ई. कांतेश ने बुधवार को कहा कि उनके पिता को शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
उन्होंने कहा कि ईश्वरप्पा के शिवमोग्गा से चुनाव लड़ने के अपने फैसले से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है और यह पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप है।
कांतेश ने कहा, “इतने साल में मेरे पिता को धोखा नहीं मिला है। इस बार यह धोखा है, यह हमारे साथ अन्याय है। (येदियुरप्पा के) दोनों बच्चे ठीक होने चाहिए, लेकिन हमने क्या (अपराध) किया है?”
अनुभवी नेता ईश्वरप्पा ने शिवमोग्गा में अपने आवास पर समर्थकों की एक बैठक की और नामांकन के दिन बड़ी संख्या में लोगों से उनके समर्थन में आने की अपील की।
उन्होंने अपने समर्थकों से वार्डों में प्रचार शुरू करने का भी आह्वान किया, जबकि उनके बेटे बैठक में भाषण देते समय भावुक हो गए और रो पड़े।
बुधवार को आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी द्वारा उनके बेटे को लोकसभा टिकट देने से इनकार करने के बाद ईश्वरप्पा का इस तरह से आरोप लगाना उचित नहीं है।
दिग्गज नेता येदियुरप्पा ने कहा, ”विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष का पद आलाकमान के जरिए मिला। जनता उनके आरोपों का करारा जवाब देगी। यह सर्वविदित है कि जब से विजयेंद्र ने अध्यक्ष पद सँभाला है, तब से राज्य में पार्टी मजबूत हुई है।
“चुनाव समिति ने चर्चा के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की। वे अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं कि मैंने यह सुनिश्चित किया कि ईश्वरप्पा के बेटे को टिकट नहीं मिले। मुझे उम्मीद है कि अगले दो-तीन दिन में ईश्वरप्पा सच्चाई समझ जाएँगे और सही रास्ते पर आ जाएंगे।”
–आईएएनएस
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