नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 के लिए आयकर पुनर्मूल्यांकन को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी।
इसके पहले न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति पुरुषइंद्र कुमार कौरव की खंडपीठ ने वर्ष 2014-15 से 2016-17 के लिए पुनर्मूल्यांकन से संबंधित समान याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
न्यायाधीशों ने कहा कि आयकर अधिकारियों द्वारा इकट्ठा किए गए ठोस सबूत आयकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत कांग्रेस पार्टी की आय और वित्तीय घोषणाओं की गहन जांच को उचित ठहराते हैं।
कांग्रेस ने कर अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ शुरू की गई पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए कांग्रेस से 100 करोड़ रुपये से अधिक कर की मांग का की थी। इस दौरान पार्टी की आय 199 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के 8 मार्च के आदेश को बरकरार रखा था। न्यायाधिकरण ने मूल्यांकन वर्ष 2018-19 के लिए बकाया कर वसूली पर रोक लगाने की कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया था।
पीठ ने कहा था, ”हमें आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला।”
–आईएएनएस
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