कोलकाता, 6 अप्रैल (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में शनिवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम पर स्थानीय लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया। एनआईए के अधिकारी दिसंबर 2022 में हुए एक विस्फोट की जांच के लिए वहां पहुंचे थे। विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि तीन माह के भीतर केंद्रीय एजेंसियों की टीम पर हमले की यह दूसरी घटना है। पांच जनवरी को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और उनके साथ आए सीएपीएफ कर्मियों पर एक हजार से अधिक लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया था। उस समय टीम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी और तलाशी के लिए गई थी।
हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने दिसंबर 2022 विस्फोट से संबंधित पूछताछ के लिए भूपतिनगर निवासी बलाई मैती और मोनोब्रत जाना सहित टीएमसी के कुछ स्थानीय नेताओं को समन दिया था।
लेकिन इन लोगों ने समन को नजरअंदाज कर दिया। इस पर एनआईए की टीम शनिवार सुबह भूपतिनगर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया। जब वे उन्हें वाहन में बैठाकर वापस जा रहे थे, तो ग्रामीणों के एक समूह ने वाहन को रोका और दोनों को छोड़ने की मांग की।
लेकिन एनआईए के अधिकारियों द्वारा उन्हें छोड़ने ने इनकार करने पर 100 से अधिक लोगों के समूह ने वाहन पर हमला कर दिया और उसके शीशे तोड़ दिए। इस हमले में एनआईए के दो अधिकारियों को कथित तौर पर मामूली चोटें आईं।
हालांकि, वे मौके से निकलने और स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचने में कामयाब रहे। वहीं वे मामले में एफआईआर करा रहे हैं।
विस्फोट की एनआईए जांच को तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने टीएमसी नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर उठाया गया कदम बताया है।
–आईएएनएस
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