नई दिल्ली/सांगली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। दो सप्ताह से अधिक समय से आक्रामक रुख अपनाए पलुस-काडेगांव के कांग्रेस विधायक विश्वजीत पी. कदम ने शनिवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं से मुलाकात कर सांगली लोकसभा क्षेत्र किसी अन्य पार्टी के लिए न छोड़ने की बात दोहराई।
पार्टी के संभावित उम्मीदवार विशाल पी. पाटिल के साथ खड़गे और के.सी. वेणुगोपाल, रमेश चेन्निथला और मुकुल वासनिक जैसे वरिष्ठ नेताओं से कदम ने दस दिनों में दूसरी बार मुलाकात की।
मीडिया से बात करते हुए, कदम ने कहा: “सांगली लोकसभा सीट छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि ‘जानवर भी जानते हैं कि यह कांग्रेस की है’ और हमने पार्टी के वरिष्ठों के सामने अपना दावा रखा है।”
दिवंगत वरिष्ठ नेता पतंगराव कदम के बेटे विश्वजीत पी. कदम ने इसी मुद्दे पर 1 अप्रैल को महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले को भी एक पत्र लिखा था।
सांगली सीट पर विवाद तब बढ़ गया, जब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सहयोगी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने उम्मीदवार के रूप में राज्य के शीर्ष पहलवान चंद्रहार पाटिल के नाम की एकतरफा घोषणा कर दी।
एमवीए की सहयोगी कांग्रेस और बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने भी गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने पर ठाकरे पर उंगली उठाई। दोनों पार्टियों ने सांगली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर दावा किया है।
शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने खुले तौर पर चेतावनी दी है कि यदि एमवीए के सहयोगी सांगली सीट पर जोर देते हैं, तो इसका असर कांग्रेस-एनसीपी (एसपी) द्वारा लड़ी जा रही अन्य सीटों पर भी पड़ेगा।
कदम ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि संजय राउत (सांसद) और भास्कर जाधव (विधायक) जैसे शिवसेना (यूबीटी) नेता किस बारे में बात कर रहे हैं।
कदम ने कहा, “हमने सांगली पर पार्टी आलाकमान के सामने अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, अब उनके फैसले का इंतजार करेंगे।”
एक सवाल के जवाब में, अपने रुख में संभावित नरमी लाते हुए कदम ने कहा कि “अगर कांग्रेस नेतृत्व और एमवीए नेता संयुक्त रूप से मामले में कोई निर्णय लेते हैं, तो हम उनके निर्देशों का पालन करेंगे।”
इसी तरह की खींचतान सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भी जारी है।
–आईएएनएस
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