नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। कांग्रेस ने एक बार फिर कहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा सियासी मोर्चे पर कमजोर साबित हो रही है और 180 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।
कांग्रेस ने यह दावा ऐसे वक्त में किया है, जब बीते दिनों कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस के मैनिफेस्टो में मुस्लिम लीग की छाप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोप के बाद उनकी आलोचना की थी।
श्रीनेत ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी को बहुमत नहीं मिलेगा, इसलिए प्रधानमंत्री अपने सियासी हित के लिए विभाजनकारी बयान दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी के हालिया बयान पार्टी की चुनावी संभावनाओं के बारे में घबराहट और आशंका की भावना को दर्शाते हैं।
कांग्रेस के नैरेटिव का सबसे प्रमुख केंद्रबिंदु अगर कुछ है तो वो इसका घोषणापत्र है, जिसे पार्टी ने लोगों द्वारा झेली जा रही तमाम चुनौतियों के समाधान के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, “10 साल सत्ता में रहने के बाद अब जब देश चुनाव के मुहाने पर खड़ा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने काम के आधार पर जनता से वोट मांगना चाहिए, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि वह घबराए हुए हैं। वह इस बार फिर वही घिसी पिटी हिंदू-मुस्लिम वाली पटकथा खोलकर ले आए हैं।”
श्रीनेत ने कहा कि प्रधानमंत्री काफी घबराए हुए हैं, काफी डरे हुए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री इसलिए डरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें इस बार हार की संभावना प्रबल दिख रही है, इसलिए वो एक बार फिर से इस तरह का बयान दे रहे हैं, जिसका कोई मतलब या तुक नहीं बनता।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में चौतरफा चर्चा हो रही है। मीडिया में विशेषज्ञ इसकी चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हमारे विरोधी भी इस बात को मान रहे हैं कि न्याय पत्र में भारत के विकास की पूरी रूपरेखा है। दरअसल, इसमें समाज के हर तबके के विकास की रूपरेखा को व्यापक स्तर पर शामिल किया गया है। यह, वह व्यापक दृष्टिकोण है, जिसकी आज की तारीख में देश को जरूरत है।”
श्रीनेत ने कहा कि जब से कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया है, तब से बीजेपी के खेमे में भय का माहौल है।
उन्होंने कहा, “दूसरी सबसे बड़ी वास्तविकता यह है कि बीजेपी की सीटें काफी तेजी से घट रही हैं। हाल ही सामने आए सर्वे से स्पष्ट हुआ है कि वर्तमान में बीजेपी के लिए 180 सीट का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल है। ऐसे में न्याय पत्र पिछले 10 वर्षों में मौजूदा सरकार के कुशासन की वजह से पैदा हुई सभी समस्याओं का निराकरण है, जैसे – बेरोजगारी, महंगाई, अर्थव्यवस्था, विषमता, महिलाओं के विरोध में अपराध और किसानों की दुर्दशा।”
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी