नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट के 42वें राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित डॉक्टर्स और अन्य विशिष्ठजनों को संबोधित करते हुए कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता की कमी पर चिंता जाहिर की। बिरला ने कैंसर की पहचान और उपचार में लोगों की जागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में कैंसर को लेकर जागरूकता की बहुत कमी है।
उन्होंने कहा कि उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं का हर एक व्यक्ति तक सुलभ रूप से नहीं पहुंच पाना भी एक और समस्या है। आम जनता जब तक शरीर में कोई बड़ी समस्या नहीं हो जाए, तब तक खुद आगे बढ़कर जांच करवाने से बचती है। उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति को सुधारा जा सकता है यदि एक निश्चित आयु के बाद एक निश्चित समय में हेल्थ चेक अप करवाने के लिए लोग प्रेरित हो। उन्होंने कहा कि इसके लिए यह संस्थान महत्वपूर्ण काम कर सकता है। आज के समय में इलाज का लक्ष्य केवल बीमारी से निजात दिलाना ही नहीं है, बल्कि इलाज के बाद व्यक्ति बेहतर और आरामदायक जीवन जी पाए, यह इलाज का लक्ष्य है।
कैंसर चिकित्सा में तकनीकी विकास पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि समय के साथ नई-नई तकनीक आई है, जिससे कैंसर का इलाज संभव हुआ है। रेडिएशन तकनीक ने कैंसर का उपचार बहुत हद तक सफल बनाया है। कैंसर के एडवांस ट्रीटमेंट के लिए रेडिएशन टेक्नॉलोजी बहुत उपयोगी साबित हुई है और समय के साथ साथ रेडिएशन थैरेपी में भी तकनीकी विकास हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल साइंस के विकास ने न सिर्फ लोगों की उम्र बढ़ा दी है, बल्कि जिंदगी की क्वालिटी को भी बेहतर बनाया है। नई टेक्नोलॉजी के विकास से बीते दशकों के मुकाबले सर्जरी और ऑपरेशन सरल हो रहे हैं। माइक्रो लेवल पर ऑपरेशन हो रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी और लेजर ऑपरेशन से टारगेटेड इलाज किया जा रहा है।
कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सामाजिक जिम्मेदारी पर बोलते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि इस लड़ाई में नैतिक जिम्मेदारी के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी है। डॉक्टर्स का दायित्व है कि जितना हो सकें, समाज और मानवता के लिए बेहतरीन रिसर्च करें, कैंसर का प्रभावी इलाज के साथ सर्वसुलभ इलाज की सुविधा के विकास के लिए काम करें जिससे गांव-कस्बें में रहने वाले हर एक व्यक्ति को इसका उन्नत इलाज आसानी से उपलब्ध हो सकें। उन्होंने इस पर व्यापक कार्य योजना बनाने पर जोर दिया ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक उन्नत और सुलभ चिकित्सा पहुंचे।
इसके साथ ही बिरला ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की कामयाबी का जिक्र करते हुए दावा किया कि भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है और यह प्रगति 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके