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Home ताज़ा समाचार

एलिसी पैलेस डिनर से लेकर व्हाइट हाउस स्टेट डिनर तक यूरोप अमेरिका को स्पष्ट रूप से देखता है

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December 4, 2022
in ताज़ा समाचार
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एलिसी पैलेस डिनर से लेकर व्हाइट हाउस स्टेट डिनर तक यूरोप अमेरिका को स्पष्ट रूप से देखता है
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बीजिंग, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2 दिसंबर को अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा समाप्त की। मैक्रों के दौरे का उद्देश्य यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देना है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

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यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एसजीके

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बीजिंग, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2 दिसंबर को अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा समाप्त की। मैक्रों के दौरे का उद्देश्य यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देना है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2 दिसंबर को अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा समाप्त की। मैक्रों के दौरे का उद्देश्य यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देना है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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एसजीके

बीजिंग, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2 दिसंबर को अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा समाप्त की। मैक्रों के दौरे का उद्देश्य यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देना है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2 दिसंबर को अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा समाप्त की। मैक्रों के दौरे का उद्देश्य यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देना है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

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साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

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साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

साथ ही, अगर अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो यूरोप में केंद्रीय बैंक भी खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं। अमेरिका यूरोप को हमेशा के लिए अपना गठबंधन सहयोगी नहीं मानता है, जबकि वह यूरोप को अमेरिकी शैली के आधिपत्य की रक्षा करने वाली शक्ति मानता है।

मैक्रों की अमेरिका यात्रा से पहले, अमेरिकी मीडिया पोलिटिको ने अनुमान लगाया कि अगर अमेरिका ने अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापार विवाद पर फ्रांस के साथ रियायत हासिल कर ली तो ट्रांस-एटलांटिक व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।

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निस्संदेह, पुराने मित्र देश फ्रांस का स्वागत व सत्कार करने के लिए अमेरिका ने उच्च स्तर के राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों की प्रचुर यात्राओं की तैयारी भी की, लेकिन ये सब दोनों पक्षों के बीच असहयोग की स्थिति को छुपा नहीं सका।

यूरोप के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की अपनी यात्रा से पहले के दिनों में मैक्रों ने कई यूरोपीय उद्यमियों की मेजबानी की, विशेष रूप से राष्ट्रपति महल एलिसी पैलेस में और उन्हें यूरोप में उत्पादन लाइनें रखने के लिए मनाने की कोशिश की।

फ्रांस और यूरोप के मीडिया संगठनों को भी उम्मीद थी कि मैक्रों की यात्रा यूरोपीय कंपनियों को अमेरिकी महंगाई कटौती अधिनियम से छूट देगी। मैक्रों ने अमेरिका पहुंचते ही अमेरिकी के इस अधिनियम की आलोचना की और कहा कि अमेरिका अमेरिका की समस्या को इस तरह सुलझाता है, जिससे यूरोपीय हितों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस चाहता है कि अमेरिका एक अच्छे मित्र के रूप में फ्रांस का सम्मान करे।

लेकिन मैक्रों की अपील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को यूरोप से क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह थोड़ा बदलाव कर सकता है। जर्मन मीडिया ने रिपोर्ट की कि अमेरिका ने हमेशा आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दों पर खुद को प्राथमिकता देता है और यह यूरोपीय लोगों को स्पष्ट देखना चाहिए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

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रूस-यूक्रेन संघर्ष पैदा होने के बाद अमेरिका द्वारा समर्थित यूरोपीय पक्ष ने रूस के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए। यूरोप एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। जबकि यूरोप के सहयोगी देश के तौर पर अमेरिका ने इस विपदा में फायदा उठाया। यूरोप द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत अमेरिका की घरेलू कीमत से चार गुना तक पहुंच गई है।

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