नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आयोजित ‘विकसित भारत एंबेसडर’ कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि आज 500 साल बाद रामनवमी रामलला के जन्मस्थान अयोध्या में धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज पूरा देश भावविभोर है, यहां दक्षिण में रामनवमी में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे। उन दिनों में टेलीविजन नहीं था। तो, हर मोहल्ले में पंडाल लगाया जाता था। कई बड़े-बड़े संगीतकार इनमें एक महीने तक प्रदर्शन करते थे, इन्हीं पंडालों में नृत्य-संगीत चलता था और आज भी होता आ रहा है।
श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि भगवान राम हम सबके जीवन में ओत-प्रोत हैं, मगर इतने साल हो गए थे, राम मंदिर पर सिर्फ राजनीति होती रहती थी। कोई काम नहीं होता था। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दृढ़ निर्णय करके इतना भव्य मंदिर बनवाया और कम समय में राम मंदिर का निर्माण करवाया। वह स्वयं रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
श्रीश्री ने कहा कि अक्सर लोग ऐसा करते हैं कि जगह-जगह मंदिरों में जाकर रिबन काटकर और दीया जलाकर आ जाते हैं। पीएम मोदी जो भी करते हैं, श्रद्धा से करते हैं। उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिनों का अनुष्ठान किया। इतना ही नहीं उन्होंने नवरात्रि में भी व्रत रखा। उन्होंने एक आदर्श स्थापित किया। इसके साथ ही उन्होंने देश के लोगों को वैसे चलने के लिए प्रेरित कर दिया।
श्रीश्री ने कहा कि पीएम मोदी ने यह सब करके हमारे आगे आने वाले सभी प्रधानमंत्री के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है, वह अब परेशान हो जाएंगे। आने वाली सदियों तक देश के जो प्रधानमंत्री होंगे, वह घर में बैठकर दिवाली नहीं मना सकते हैं। रविवार को पार्टी नहीं कर सकते हैं। क्योंकि पीएम मोदी ने एक आदर्श तो सेट कर दिया है।
श्रीश्री ने आगे कहा कि आने वाली सदियों तक देश के प्रधानमंत्री को सीमा पर जाकर जवानों के साथ दिवाली मनानी पड़ेगी। जवानों को 10 साल से यह आदत हो गई है और उनके इस उत्साह को हमेशा बनाए रखना पड़ेगा। हर रविवार को ‘मन की बात’ भी करनी पड़ेगी। पीएम मोदी ऐसा स्टैंडर्ड सेट कर देते हैं कि आने वाले लोगों के लिए मुसीबत हो जाती है। मगर देश के लिए मुसीबत अच्छी है। राजनीति में आने वाले व्यक्ति निस्वार्थ रूप से लोगों की सेवा करे, अपने कर्तव्य को समझें और दिल-दिमाग से काम करे तो ही देश विकसित हो पाएगा।
श्रीश्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम का भी यही आदर्श रहा है। श्री राम जी की एक-एक व्यक्ति कद्र करते रहे हैं। आप मंदिर, फैक्ट्री या कहीं भी हों, अगर आपकी मानसिकता नकारात्मक हो तो हम विकास की ओर नहीं जा पाएंगे। विकसित भारत की हम कल्पना करते हैं। अगर सब लोग विकसित भारत के एंबेसडर बनते हो तो आप समाज की जिम्मेदारी लो। हम सबको मिलकर समाज में सुधार के लिए काम करना पड़ेगा।
उन्होंने इस बार देश के फर्स्ट टाइम वोटर को भी संबोधित किया और कहा कि इस बार देश में बड़ी संख्या में युवा मतदाता वोट करने वाले हैं। मैं उन सबको कहूंगा कि आप पूरे उत्साह से और अपना विशाल दृष्टिकोण रखकर मतदान करें। आप छोटी-छोटी बातों को मन में नहीं रखें। देश प्रगतिशील हो, जिस ढंग से देश चल रहा है और कैसे इसे आगे ले जाना है, यह सोचकर आप वोट करें।
श्रीश्री ने आगे कहा कि देखिए हर समय लोकल समस्याएं होती है, उससे जोड़कर देश को नहीं देखना चाहिए। आप अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से देश को देखिए और उसके लिए मतदान करिए। जब आपको लोकल समस्या को लेकर सोचना है तो उसके लिए अलग समय है। इस पर सब लोगों को ध्यान में रखकर मतदान करना चाहिए। ऐसे में देश के हित को ध्यान में रखकर और देश के विकास के लिए बड़े दृष्टिकोण के साथ आपको मतदान करना चाहिए। पहली बार आप देश के विकास में, प्रगति में सक्रिय भागीदार बन रहे हैं तो आपको मतदान जरूर करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आप सरकार के गठन में पहली बार अपनी हिस्सेदारी देने जा रहे हैं तो ऐसे में आपका दायित्व है कि आप मतदान जरूर करें। हम सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र का हिस्सा हैं और आप उसके एक अंग हो, इस बात का ध्यान रखते हुए आप अपना मतदान जरूर करें। जो मतदान नहीं कर रहे हैं, उनको भी साथ में लेकर जाओ।
–आईएएनएस
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