संयुक्त राष्ट्र, 11 फरवरी (आईएएनएस)। सुरक्षा परिषद के सदस्य ब्राजील, स्विटजरलैंड व सीरियाई मानवीय फाइल के सह-लेखक ने तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप के बाद कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए परिषद की बैठक का अनुरोध किया है।
संयुक्त राष्ट्र में ब्राजील के राजदूत रोनाल्डो कोस्टा फिल्हो ने संवाददाताओं से कहा हम इस सप्ताह के अंत में भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए मानवतावादी मामलों और आपातकालीन राहत (समन्वयक), मार्टिन ग्रिफिथ्स के लिए अंडरसेक्रेटरी-जनरल (यूएसजी) से पूछने के लिए (यूएन) महासचिव के फैसले की सराहना करते हैं। हम मानते हैं कि यूएसजी ग्रिफिथ्स संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यों पर आपदा के प्रभावों पर प्रकाश डालेगा।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में स्विस राजदूत पास्कल बैरिस्विल के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, इस संबंध में स्विट्जरलैंड और ब्राजील, सह-पेनहोल्डर्स के रूप में जल्द से जल्द एक बैठक के लिए बुलाए गए हैं।
ब्राजील के राजदूत ने कहा, मानवतावादी प्रयास में सहायता के लिए क्या किया जाना चाहिए, इस पर निर्णय अविश्वसनीय जानकारी पर निर्भर करता है और उसके लिए यूएसजी ग्रिफिथ्स की यात्रा महत्वपूर्ण है। वह इस बात का मूल्यांकन करेंगे कि जहां समस्या है, वहां क्या स्थिति है।
अतिरिक्त जरूरतें और अतिरिक्त तंत्र जिन पर सुरक्षा परिषद को चर्चा करनी चाहिए, वह जमीनी स्तर पर ठोस स्थिति के मूल्यांकन पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि प्रेस में जो कुछ भी है, यह उसकी सहज प्रतिक्रिया नहीं हो सकती।
हमें बहुत स्पष्ट रूप से जानना होगा कि स्थिति क्या है और सही कदम क्या होगा। उसके लिए यूएसजी ग्रिफिथ्स की यात्रा और जानकारी महत्वपूर्ण होगी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार बैरिसविल ने कहा कि उनका देश और ब्राजील, यदि आवश्यक हो तो परिषद द्वारा आगे की कार्रवाई पर समझौते के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, हम प्रभावित आबादी की मानवीय जरूरतों को पूरा करने की अनिवार्यता से ही निर्देशित होंगे।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे बचाव के प्रयास जारी हैं, वैसे-वैसे मरने वालों और घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है और साथ ही जरूरतें भी बढ़ रही हैं, जो पहले से ही अधिक थीं।
हम सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे राहत प्रयासों तक पहुंच को सुविधाजनक बनाएं और सभी जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने की अनुमति दें। पूरे सीरिया में तेजी से, अबाधित और स्थायी पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।
–आईएएनएस
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