गोसलपुर, देशबन्धु। ग्राम पंचायत प्रांगण कछपुरा में समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से चल रहे हरि हरात्मक महायज्ञ का शुभ आयोजन प्रवचनकर्ता यज्ञ आचार्य सीताराम शास्त्री भेड़ाघाट वाले , प्रवचन कर्ता नीरज शास्त्री,आचार्य प्रदीप तिवारी के सानिध्य में महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देवताओं का आवाहन व पूजन किया गया।
इस अवसर पर प्रवचन कर्ता नीरज शास्त्री मां सती की व राजा दक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा दक्ष प्रजापति भगवान ब्रह्मा जी के पुत्र थे और सती के पिता थे। सती भगवान शिव की प्रथम पत्नी थी। राजा दक्ष ने इस जगह एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया जिसमें सभी देवी-देवताओं, ऋषियों और संतों को आमंत्रित किया।
इस यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया था। इस घटना से सती ने अपमानित महसूस किया क्योंकि सती को लगा राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान किया है। सती ने यज्ञ की अग्नि में कूद कर अपने प्राण त्याग दिये। इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और भगवान शिव ने अपने अर्द्धदेवता वीरभद्र, भद्रकाली और शिव गणों को कनखल युद्ध के लिए भेजा। वीरभद्र ने राजा दक्ष का सिर काट दिया। सभी देवताओं के अनुरोध पर भगवान शिव ने राजा दक्ष को जीवनदान दिया और उस पर बकरे का सिर लगा दिया। राजा दक्ष को अपनी गलतियों को एहसास हुआ और भगवान शिव से क्षमा मांगी। तब भगवान शिव ने घोषणा कि हर साल सावन के महीने में भगवान शिव कनखल में निवास करेंगे। यज्ञ कुण्ड के स्थान पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर बनाया गया था।सरपंच देवेंद्र पटेल उपसरपंच सरोज श्रीवास्तव मोहन कांत, विजय पटेल, वरिष्ठ नागरिक नोखे लाल पटेल केवल पटेल भारी लाल पटेल एवं समस्त ग्रामवासी,यज्ञ आचार्य नगरवासी महिला पुरुष बच्चे उपस्थित रहे।