लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।
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लखनऊ, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार समग्र दृष्टिकोण के जरिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में सुधार कर रही है, जिसमें न केवल अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा बनाने की परिकल्पना की गई है, बल्कि संस्थानों को कुशलता से चलाने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी है।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य को आज विकास से जोड़ा जा रहा है क्योंकि स्वस्थ समाज ही विकसित समाज बन सकता है। सत्र में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रगति और प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।
मंडाविया ने कहा, उत्तर प्रदेश सुश्रुत और चरक की भूमि है। केंद्र में (पीएम) नरेंद्र मोदी और राज्य में (सीएम) योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अवसरों की भूमि है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को भुनाने के लिए निवेशकों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने निजी चिकित्सा संस्थानों में भी, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण उपचार से लाभान्वित करने के लिए सशक्त और सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज 65 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और उन्होंने उद्यमियों से इस उच्च निर्भरता को कम करने का आग्रह किया।
हाल के वर्षो में भारत के दर्शकों को महत्वपूर्ण दवाओं के लिए एपीआई की निर्भरता को सफलतापूर्वक कम करने की याद दिलाते हुए उन्होंने उन्हें स्वदेशी रूप से चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को नई चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की और राज्य में मेडिकल कॉलेजों, पैरा मेडिकल कॉलेजों और नैदानिक सुविधाओं में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला।