चमोली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तराखंड का चमोली जिला बर्फ की चादर से ढक गया है, जहां देखो वहां बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। पिछले 24 घंटे से जारी बर्फबारी थमने का नाम नहीं ले रही है। इससे आम लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, सोमवार को मौसम में कमोबेश राहत देखने को मिली। धूप ने थोड़ी मेहरबानी बरसाई, जिससे सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी देखने को मिली।
वहीं, जैव विविधता से भरे विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की सैर करने के लिए पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। एक जून से ग्रीष्म काल के लिए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
–आईएएनएस
एसएचके/एबीएम
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चमोली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तराखंड का चमोली जिला बर्फ की चादर से ढक गया है, जहां देखो वहां बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। पिछले 24 घंटे से जारी बर्फबारी थमने का नाम नहीं ले रही है। इससे आम लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, सोमवार को मौसम में कमोबेश राहत देखने को मिली। धूप ने थोड़ी मेहरबानी बरसाई, जिससे सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी देखने को मिली।
वहीं, जैव विविधता से भरे विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की सैर करने के लिए पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। एक जून से ग्रीष्म काल के लिए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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हालांकि, सोमवार को मौसम में कमोबेश राहत देखने को मिली। धूप ने थोड़ी मेहरबानी बरसाई, जिससे सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी देखने को मिली।
वहीं, जैव विविधता से भरे विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की सैर करने के लिए पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। एक जून से ग्रीष्म काल के लिए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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हालांकि, सोमवार को मौसम में कमोबेश राहत देखने को मिली। धूप ने थोड़ी मेहरबानी बरसाई, जिससे सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी देखने को मिली।
वहीं, जैव विविधता से भरे विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की सैर करने के लिए पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। एक जून से ग्रीष्म काल के लिए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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चमोली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तराखंड का चमोली जिला बर्फ की चादर से ढक गया है, जहां देखो वहां बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। पिछले 24 घंटे से जारी बर्फबारी थमने का नाम नहीं ले रही है। इससे आम लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, सोमवार को मौसम में कमोबेश राहत देखने को मिली। धूप ने थोड़ी मेहरबानी बरसाई, जिससे सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी देखने को मिली।
वहीं, जैव विविधता से भरे विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की सैर करने के लिए पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। एक जून से ग्रीष्म काल के लिए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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हालांकि, सोमवार को मौसम में कमोबेश राहत देखने को मिली। धूप ने थोड़ी मेहरबानी बरसाई, जिससे सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी देखने को मिली।
वहीं, जैव विविधता से भरे विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की सैर करने के लिए पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। एक जून से ग्रीष्म काल के लिए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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हालांकि, सोमवार को मौसम में कमोबेश राहत देखने को मिली। धूप ने थोड़ी मेहरबानी बरसाई, जिससे सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी देखने को मिली।
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हिमालयन मोनाल, दुर्लभ तीतर सहित अन्य उच्च हिमालयी पक्षी भी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर लुभाते हैं। फूलों की घाटी समुद्र तल से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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