पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी
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पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
–आईएएनएस
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पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
–आईएएनएस
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पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
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पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
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उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
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उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
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उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
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पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
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पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
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उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
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पटना, 15 मई (आईएएनएस)। गाय के गोबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा बनाने वाले दिव्यांग कलाकार जोगिंदर ने प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात को ‘अविस्मरणीय’ बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।
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उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
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उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने ना महज मेरे काम की तारीफ की, बल्कि मेरे बनाए मुखौटे को भी अपने साथ ले गए।“
जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
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जोगिंदर से जब आईएएनएस ने पूछा कि आप प्रधानमंत्री से क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि प्रधानमंत्री मेरे जैसे अन्य दिव्यांग भाइयों-बहनों को भी रोजगार दिलाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।“
गत 12 मई को राजधानी पटना में भाजपा की रैली का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोगिंदर ने अपनी कलाकृति दिखाई थी।
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राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अपने पिता के साथ जोगिंदर अभी पटना में रह रहे हैं। वो मूलतः छपरा के सिताब दियारा गांव के निवासी हैं।
जोगिंदर 5 भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं। वह 6 महीने की उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए। बचपन से ही उन्हें कला में रुचि थी। बढ़ती उम्र के साथ जोगिंदर कला क्षेत्र में सिद्ध हो गए।
उन्होंने कई कलाकृतियां बनाई हैं। कलाकृतियों से अर्जित हुई आय का उपयोग वो अपने पिता व भाइयों के लिए करते हैं।