सहारनपुर, 17 मई (आईएएनएस)। देवबंद में इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम ने अपने परिसर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह फैसला परिसर में महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे रील की वजह से लिया गया है। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान बाधा होती थी।
सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो देखने के बाद कई देशों से इस संबंध में शिकायतें सामने आई थीं।
मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ”दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।”
नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी
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सहारनपुर, 17 मई (आईएएनएस)। देवबंद में इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम ने अपने परिसर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह फैसला परिसर में महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे रील की वजह से लिया गया है। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान बाधा होती थी।
सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो देखने के बाद कई देशों से इस संबंध में शिकायतें सामने आई थीं।
मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ”दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।”
नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ”दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।”
नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ”दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।”
नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो देखने के बाद कई देशों से इस संबंध में शिकायतें सामने आई थीं।
मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ”दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।”
नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो देखने के बाद कई देशों से इस संबंध में शिकायतें सामने आई थीं।
मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ”दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।”
नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
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नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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सहारनपुर, 17 मई (आईएएनएस)। देवबंद में इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम ने अपने परिसर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
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नोमानी ने कहा, “यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं।”
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सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो देखने के बाद कई देशों से इस संबंध में शिकायतें सामने आई थीं।
मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ”दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।”
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