deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने के आदेश को स्वीकार नहीं करती : सीएम ममता

by
May 22, 2024
in राष्ट्रीय
0
मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने के आदेश को स्वीकार नहीं करती : सीएम ममता
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

READ ALSO

पीओके समस्या कांग्रेस की देन है : संजय उपाध्याय

पुणे में आयोजित नेशनल कूडो चैंपियनशिप में हिमाचल के खिलाड़ियों का बेहतरीन प्रदर्शन, पांच पदक जीते

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

Related Posts

पीओके समस्या कांग्रेस की देन है : संजय उपाध्याय
राष्ट्रीय

पीओके समस्या कांग्रेस की देन है : संजय उपाध्याय

May 30, 2025
राष्ट्रीय

पुणे में आयोजित नेशनल कूडो चैंपियनशिप में हिमाचल के खिलाड़ियों का बेहतरीन प्रदर्शन, पांच पदक जीते

May 30, 2025
अंकिता को न्याय दिलाने का संकल्प हुआ पूरा, उत्तराखंड में अपराध नहीं चलेगा : पुष्कर सिंह धामी
राष्ट्रीय

अंकिता को न्याय दिलाने का संकल्प हुआ पूरा, उत्तराखंड में अपराध नहीं चलेगा : पुष्कर सिंह धामी

May 30, 2025
1 जून 2025 से देशभर में कुछ अहम नियमों में बदलाव होने जा रहा है। चाहे बात हो रसोई गैस की कीमत की, बैंक एफडी के ब्याज की, एटीएम से पैसे निकालने के तरीके की या
ताज़ा समाचार

1 जून से बदलेंगे 5 बड़े नियम

May 30, 2025
विशेष लेख: जनसंपर्क संचालनालय की विशेष फीचर श्रृंखला
अभिमत

देवी अहिल्याबाई और महेश्वरी साड़ी

May 30, 2025
रोहित भाई के विकेट का जश्न नहीं मनाया क्योंकि मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं : सिराज
खेल

रोहित भाई के विकेट का जश्न नहीं मनाया क्योंकि मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं : सिराज

May 30, 2025
Next Post
‘मोदी हैट्रिक’ के बैनर और पोस्टर लेकर पीएम मोदी की जनसभा में पहुंचे लोग, बोले ‘अबकी बार 400 पार’

'मोदी हैट्रिक' के बैनर और पोस्टर लेकर पीएम मोदी की जनसभा में पहुंचे लोग, बोले 'अबकी बार 400 पार'

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

082973
Total views : 5883493
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In