बेंगलुरु, 23 मई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक सरकार से उस सर्कुलर को वापस लेने की मांग की है, जिसमें 27 मुस्लिम उप-जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में जोड़ा गया है।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता एमजी महेश ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस सर्कुलर के जरिए हिंदू ओबीसी का अधिकार छीना जा रहा है।
उन्होंने कहा,“सीएम सिद्धारमैया की सरकार ने एक महीने पहले 27 मुस्लिम समुदायों को 2ए श्रेणी में जोड़ा। इसके तहत ओबीसी को आरक्षण मिलता है। यह तुष्टीकरण की राजनीति है।”
महेश ने कहा कि कलकर्ता हाईकोर्ट के हाल के फैसलेे से साफ हो गया है कि ओबीसी कोटा में मुस्लिमों को आरक्षण गलत कदम है।
उन्होंने कहा,“सीएम सिद्धारमैया ने कर्नाटक में इसी तरह का कदम उठाया है। कर्नाटक में ओबीसी सूची में 108 समुदाय शामिल हैं। इनमें से दो मुस्लिम हैं। इन्हें उनके काम के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।”
महेश ने कहा,“1919 में स्थापित मिलर कमीशन से आज तक, यह राय रही है कि मुसलमानों को ओबीसी में शामिल नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद, मुसलमानों के 27 समुदायों को ओबीसी सूची में जोड़ा गया।”
महेश ने कहा,“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 27 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी सूची में जोड़ना संविधान विरोधी कदम है। अब कलकर्ता हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में पीएम के बयान का समर्थन किया है। अदालत ने यह भी कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी/