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Home राष्ट्रीय

मुझे यकीन है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-आप का गठबंधन नहीं रहेगा : आदर्श शास्त्री (आईएएनएस साक्षात्कार)

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May 24, 2024
in राष्ट्रीय
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मुझे यकीन है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-आप का गठबंधन नहीं रहेगा : आदर्श शास्त्री (आईएएनएस साक्षात्कार)
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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

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उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

जीकेटी/

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक तथा वर्तमान में कांग्रेस नेता आदर्श शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

आईएएनएस के साथ बातचीत में आदर्श शास्त्री ने कहा कि जब दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो रहा था तो मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली कांग्रेस में शायद ही कोई कार्यकर्ता होगा, जिसने आलाकमान के आगे यह बात नहीं रखी होगी कि आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वह पार्टी है, जो निरंतर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, हमारे नेताओं के ऊपर आरोप लगाती रही है। यह वह पार्टी है, जिसने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उन्होंने खासतौर पर जिक्र किया कि साल 2014 और 2019 में ‘आप’ ने ही वो जगह ली जो दिल्ली में कभी कांग्रेस की हुआ करती थी। मैं समझता हूं दिल्ली कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकमत थे कि यह समझौता नहीं होना चाहिए। मगर, राजनीतिक समस्या यह है कि एक बड़ी लड़ाई भाजपा और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ नजर आ रही थी और ऐसा मुझे लगता है कि शायद उस लड़ाई के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया और इस तरह की बड़ी लड़ाई के लिए समझौता करना पड़ा। मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस समझौते के पक्ष में नहीं था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह रही होगी। इस पर व्यक्तिगत टिप्पणी मैं नहीं कर सकता हूं। लेकिन, यह जरूर कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी का कठिनाई के समय में उन लोगों का छोड़कर जाना सही नहीं है। हालांकि, यह सच है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का हाथ मिलाना पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि दिल्ली में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार भारी मतों से जीतेंगे।

उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ ही उदित राज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कन्हैया कुमार बड़े छात्र नेता रहे हैं और बहुत मजबूती से कांग्रेस की लोकतंत्र की लड़ाई, देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे बहुत गर्व है कि कन्हैया जैसे व्यक्ति को पार्टी ने दिल्ली में उतारा है। उदित राज की मैं बात करूं तो वह लंबे अरसे से पिछड़ा वर्ग की लड़ाई लड़ते आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा में उनको इज्जत और सम्मान नहीं मिला, जिससे व्यथित वह कांग्रेस में आए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के जितने उम्मीदवार हैं, सब मजबूत हैं। जेपी अग्रवाल लंबे अरसे से कांग्रेस की सेवा में रहे हैं और मैं समझता हूं चांदनी चौक से बहुत भारी मतों से विजयी होंगे।

उनसे जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? तो, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक है, वहीं तक सीमित रहेगा। दिल्ली में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव है और मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस बात को समझता है कि कांग्रेस को दोबारा वह जगह बनानी है जो दिल्ली में कांग्रेस की थी। शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल को आज भी दिल्लीवासी याद करते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विधानसभा चुनाव में दिल्ली में यह गठबंधन नहीं रहेगा। दिल्ली कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की आवाज यही है, मुझे यकीन है कि कांग्रेस का आलाकमान भी इसी बात को मानता है।”

–आईएएनएस

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