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प्रधानमंत्री मोदी ने चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की अध्यक्षता की

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May 26, 2024
in राष्ट्रीय
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प्रधानमंत्री मोदी ने चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की अध्यक्षता की
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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

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पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

–आईएएनएस

एसजीके/

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

–आईएएनएस

एसजीके/

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

–आईएएनएस

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चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

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चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

–आईएएनएस

एसजीके/

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चक्रवात रेमल से निबटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। चक्रवात के आधी रात के आसपास आने की आशंका है।

चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात को तट पार करने की आशंका है, जिसके पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप और बांग्लादेश में खेपुपारा के बीच टकराने और गंभीर चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है।

पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईएमडी के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव भी मौजूद थे।

सभी मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

इस बीच, आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रभावितों के लिए जरूरी मदद का प्रबंध किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें।

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच, एहतियात के तौर पर कोलकाता हवाईअड्डे ने अस्थायी रूप से उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने इससे पहले रविवार को कहा था कि उसने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्‍वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित दो जहाज तत्काल तैनाती के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना विमानन संपत्तियां भी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है। आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोरी टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती के लिए तैयार हैं।

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें कोलकाता में तैनात की जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, “भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात रेमल के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।”

–आईएएनएस

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