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Home अर्थजगत

शेयरधारकों को सही जानकारी न देने पर सेबी ने एजीआई ग्रीनपैक पर लगाया 5 लाख का जुर्माना

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May 29, 2024
in अर्थजगत
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शेयरधारकों को सही जानकारी न देने पर सेबी ने एजीआई ग्रीनपैक पर लगाया 5 लाख का जुर्माना
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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी एजीआई ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

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बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी एजीआई ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी एजीआई ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

–आईएएनएस

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी एजीआई ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी एजीआई ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी एजीआई ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी एजीआई ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

–आईएएनएस

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

एजीआई ग्रीनपैक का शेयर बुधवार के सत्र में 2.85 प्रतिशत गिरकर 667.35 पर बंद हुआ है।

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बाजार नियामक द्वारा ये जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है।

बता दें, सेबी का यह आदेश कंपनी द्वारा भारत की सबसे पुरानी और बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (एचएनजी) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी छिपाने को लेकर दिया गया है।

आदेश में कहा गया कि एजीआई ग्रीनपैक ने एचएनजी के अधिग्रहण को लेकर 31 अक्टूबर, 2022 और 16 मार्च, 2023 को दिए डिसक्लोजर में कई जरूरी जानकारियां नहीं बताई थीं।

सेबी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बारे में नहीं बताया था। साथ ही सीसीआई को एजीआई द्वारा जमा किए गए संशोधित आवेदन और एजीआई और एचएनजी के समायोजन को मंजूरी देने वाले सीसीआई के आदेश को लेकर मुकदमेबाजी से जुड़ी सूचना नहीं दी थी।

अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एजीआई के शेयर में 236 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस दौरान शेयर ने 334 के न्यूनतम स्तर से बढ़कर 1,089 के उच्चतम स्तर को छू गया।

सेबी के आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने राय दी थी कि एजीआई ने सीसीआई अनुमोदन के बारे में “आंशिक और कपटपूर्ण खुलासा” किया था।

सेबी के आदेश में आगे कहा गया कि अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं चुकाती है तो सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 28ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ब्याज के साथ कंपनी की चल या अचल संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है।

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