मुंबई, 3 जून (आईएएनएस)। एक्ट्रेस गुलफाम खान हुसैन ने लंबे मोनोलॉग और डायलॉग सीखने के पीछे के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने यह सब थिएटर के दिनों में सीखा था और यह हमेशा उनके काम आया है।
‘ध्रुव तारा – समय सदी से परे’ में नजर आने वाली गुलफाम ने कहा, ”मैंने थिएटर के दिनों में डायलॉग को लेकर एक चीज सीखी थी कि बिना किसी भावना के संवादों को तीन बार पढ़ें और फिर भावनाओं के साथ पढ़ें। आप इसे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। अगर फिर भी नहीं समझ पाते हैं तो संवादों को लिख लें। आपकी याददाश्त पढ़ने से ज्यादा लिखने से आती है।”
एक्ट्रेस ने कहा, “साथ ही एक ही टेक में सब कुछ सही से करने की कोशिश करें। सिर्फ डायलॉग ही नहीं, बल्कि सारी भावनाएं भी एक ही टेक में करने पर आसान होती हैं, कई बार बाद के टेक में आपकी दृढ़ता कमजोर पड़ जाती है।”
गुलफाम खान हुसैन ने कहा कि नकारात्मक किरदार निभाना ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है।
‘अलादीन – नाम तो सुना होगा’ में अपने काम के लिए मशहूर गुलफाम ने बताया, “नकारात्मक किरदारों में कई परतें होती हैं, जैसा कि हम कहते हैं ज्यादा ‘मसाला’, इसमें गुस्सा, नकारात्मकता, हताशा, चालाकी आदि के शेड्स होते हैं। मैं अपने नकारात्मक किरदारों का लुत्फ उठाती हूं।”
नकारात्मक किरदार निभाते समय दर्शकों से मिलने वाली नफरत के बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस ने कहा, “इसे मुस्कुराहट के साथ लें, मेरे पास ऐसे उदाहरण हैं जब लोगों ने मुझे फोन किया और गाली दी… यह केवल यह दर्शाता है कि आप उस किरदार को निभाने में सफल रहे हैं।”
गुलफाम ने कहा कि वह उन लोगों में से हैं जो निभाए गए किरदारों से प्रभावित होते हैं।
एक्ट्रेस ने एक वाकया शेयर करते हुए कहा कि जब मैं ‘नामकरण’ में ‘नन्नो’ का किरदार निभा रही थी, तो मैं असल जिंदगी में भी युवाओं से जुड़ गई थी और जब मैं अलादीन कर रही थी, तो मैंने अपने आप ही सारे स्टंट किए, जिसके चलते मैं थक कर घर लौटती थी… मुझे ये दोनों ही काम पसंद हैं।”
‘ध्रुव तारा’ सोनी सब पर प्रसारित होता है और इसमें ईशान धवन और रिया शर्मा मुख्य भूमिका में हैं।
गुलफाम ने अपने करियर की शुरुआत 2003 में आए टेलीविजन शो लिपस्टिक से की थी। एक्ट्रेस हिंदी सिनेमा के कई जाने माने चेहरों के साथ काम कर चुकी हैं। वह टीवी शो सावधान इंडिया में भी काम कर चुकी हैं।
–आईएएनएस
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